यदि झारखंड के किसी भी क्षेत्र में जमीन खरीदने/बेचने का सोच रहे है, तो सबसे पहले यह जान लेना बहुत ही आवश्यक है की झारखण्ड में जमीन रजिस्ट्री चार्ज कितना लगता है. क्योकि जब भी कोई व्यक्ति किसी प्रॉपर्टी को खरीदता है तो उस प्रॉपर्टी का मालिकाना हक़ प्राप्त करने के लिए उस प्रॉपर्टी का रजिस्ट्री करना होता है.
रजिस्ट्री शुल्क सभी राज्यों में अलग अलग होता है और यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है. उसके आधार पर ही प्रॉपर्टी के कीमत के आधार पर रजिस्ट्री चार्ज लगता है, लेकिन अधिकांस लोगो को यह जानकारी नही है. इसलिए इस पोस्ट में झारखण्ड राज्य में रजिस्ट्री चार्ज कितना है की पूरी जानकारी स्टेप by स्टेप दिया गया है.
झारखंड में जमीन की रजिस्ट्री क्या है
झारखंड राज्य के किसी भी क्षेत्र में जब जमीन खरीद या बिक्री होती है, तो सबसे पहले हम उस जमीन का रजिस्ट्री कराते है. जिससे आने वाले समय में उस जमीन या प्रॉपर्टी पर किसी प्रकार के विवाद या परेशानियों का सामना न करना पड़े. इसलिए उस जमीन को अदालत के द्वारा क़ानूनी प्रक्रिया के तहत अपने नाम पे रजिस्ट्री कराते है.
लेकिन जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए सरकार को एक निर्धारित शुल्क जमा करना होता है, जो जमीन के कीमत के अनुसार तय किया जाता है. इसलिए किसी भी जमीन को खरीद रहे है तो सबसे पहले जमीन रजिस्ट्री की शुल्क पता करे.
झारखंड में रजिस्ट्री चार्ज कितना है
सभी राज्यों में रजिस्ट्री चार्ज अलग अलग होती है और महिलाओ के नाम पर स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क में छुट दी जाती है. लेकिन झारखण्ड सरकार ने इस सभी को एक सामान रखा है. यदि संपत्ति पुरुष के नाम पर है तो रजिस्ट्रेशन चार्ज 3% और स्टांप ड्यूटी चार्ज 4% लिया जाता है.
ठीक इसी प्रकार महिला के नाम पर संपत्ति है तो रजिस्ट्रेशन चार्ज 3% स्टांप ड्यूटी चार्ज 4% रजिस्ट्री शुल्क लिया जाता है.
property owner | झारखंड में स्टांप शुल्क | झारखंड में पंजीकरण शुल्क |
पुरुष | 4 प्रतिशत | 3 प्रतिशत |
महिला | 4 प्रतिशत | 3 प्रतिशत |
संयुक्त (पुरुष + महिला) | 4 प्रतिशत | 3 प्रतिशत |
झारखंड में स्टांप ड्यूटी ऑनलाइन कैसे चेक करें
झारखण्ड सरकार ने स्टांप ड्यूटी शुल्क को ऑनलाइन चेक करने के लिए ऑफिसियल वेबसाइट उपलब्ध किया है. जिसके माध्यम से झारखण्ड राज्य के नागरिक आसानी स्टांप ड्यूटी चार्ज को पता कर सकते है.
यदि आप झारखण्ड में किसी जमीन को खरीद रहे है तो उस जमीन के कीमत के आधार पर उस जमीन का स्टाम्प ड्यूटी शुल्क चेक कर सकते है. झारखंड निबंधन विभाग द्वारा Stamp Duty को कैलकुलेट करने के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया को फॉलो करके स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क चेक कर सकते हैं.
- सबसे पहले झारखंड के ई-निबंधन के ऑफिशल वेबसाइट पर जाए.
- ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद होम पेज पर Stamp Calculator पर क्लिक करें.
![jharkhand stamp duty charge dekhne ke liye stamp calculator par clik kare](https://bhumicheckkare.com/wp-content/uploads/2024/02/jharkhand-stamp-duty-charge-dekhne-ke-liye-stamp-calculator-par-clik-kare.webp)
- इसके बाद free Calculator के आप्शन पर क्लीक करे.
- इसके बाद artical को सेलेक्ट करे. फिर Rule Fee को सलेक्ट करे.
![jharkhand stamp duty charge dekhne ke liye sabhi details darj kar calculate par clik kare](https://bhumicheckkare.com/wp-content/uploads/2024/02/jharkhand-stamp-duty-charge-dekhne-ke-liye-sabhi-details-darj-kar-calculate-par-clik-kare.webp)
- अब Government/Market Value दर्ज करे.
- इसके बाद No. of Pages, No Of Khata को दर्ज करे.
- अब अपना डिस्ट्रिक नाम को दर्ज करे.
- इसके बाद प्रॉपर्टी Transaction Amount को दर्ज करे.
- सभी जानकारी को दर्ज करने के बाद Calculator & Save बटन पर क्लिक करे.
- अब स्क्रीन पर स्टांप ड्यूटी दिख जाएगा.
![jharkhand stamp duty charge dekhne dekhe](https://bhumicheckkare.com/wp-content/uploads/2024/02/jharkhand-stamp-duty-charge-dekhne-dekhe-1024x403.webp)
इस प्रकार ऑनलाइन माध्यम से झारखण्ड का स्टांप ड्यूटी चार्ज पता कर सकते है.
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अक्सर पूछे जाने वाल प्रश्न: FAQs
यह शुल्क झारखंड में संपत्ति पंजीकृत करने पर राज्य सरकार को भुगतान करना होता है. इसमें स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क कहा जाता है.
झारखण्ड में स्टाम्प शुल्क संपत्ति के मूल्य का 4% होता है. और यह शुल्क महिलाओ और पुरुषो के लिए सामान्य है.
जी हाँ रजिस्ट्री चार्ज में छुट मिलती है. लेकिन झारखण्ड सरकार ने इस शुल्क को सभी नागरिको के लिए सामान्य रखा है.
यदि आप किसी व्यक्ति से कोई प्रॉपर्टी को खरीदते है तो, उस संपत्ति का रजिस्ट्री करना होता है. इसके बाद ही उस प्रॉपर्टी का सम्पूर्ण मालिक का हकदार होती है. यदि उस संपत्ति का रजिस्ट्री चार्ज नही देते है तो उस प्रॉपर्टी का मलिक होने का वसीयत नही मिलता है. जिससे उस सम्पत्ति पर विवाद हो सकता है.