किसी भी जमीन का मालिकाना हक प्राप्त करना अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है. किसी व्यक्ति द्वारा अगर कोई जमीन खरीदी की जा रही है, तो उस जमीन की रजिस्ट्री 90 दिनों के अन्दर काराना बहुत जरुरी है. क्योंकि, जमीन का मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्री कराना आवश्यक है.
जमीन का मालिकाना हक कई प्रकार से प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा अलग-अलग नियम बनाये गए है. जैसे अगर आपके जमीन पर कोई व्यक्ति जबरदस्ती मालिकाना हक जाताता है, तो उसे अवैध कब्जे से मुक्त करा कर मालिकाना हक प्राप्त कराकर, जमीन का दाखिल ख़ारिज कराकर, आदि. आइए, जमीन का मालिकाना हक प्राप्त करने हेतु अन्य प्रक्रिया जानते है:
जमीन का मालिकाना हक क्या है?
जब भी कभी किसी संपत्ति को सेल डीड के माध्यम से खरीदी जाती है. या फिर किसी अन्य माध्यम से अर्जित किया जाता है. तब उस संपती के दस्तावेज के साथ कार्यालय जाकर पहले जमीन के स्वामित्व का नाम हटवाकर अपना नाम रजिस्टर करवाना होता है. जिससे जमीन के मलिकाना हक आपको प्राप्त हो, इसे ही मालिकाना हक कहते है. इसमे जमीन के स्वामी अपने आपको जमीन का मालिक कहता है. क्योंकि, उसके पास जमीन के सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में जमीन नक़ल उपलब्ध होता है.
किसी भी जमीन मालिकाना हक जमीन के स्वामित्व होने का हक प्रदान करता है. जिससे जमीन के मालिक अपने जमीन पर पूरी तरह से हक जाता सकते है. और यह आपको अपनी संपत्ति पर पूरी नियंत्रण और अधिकारिता प्रदान करता है. यह खुद को एक अलग और विशेष होने के रूप में मान्यता देता है,आपको यह हक देता है कि सम्पति के साथ आवश्यकता अनुसार निर्णय लेने की स्वतंत्रता प्रदान करता है.
जमीन का मालिकाना हक कैसे प्राप्त करें
जमीन का मालिकाना हक प्राप्त करने की प्रक्रिया निम्न है:
भूमि दस्तावेज की जांच करें:
किसी भी जमीन का मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए सबसे पहले जमीन कि सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सावधानी पूर्वक जाँच करें. दस्तावेज आपको मालिकाना हक प्राप्त कराएगा. साथ ही साथ अगर किसी प्रकार कि कोई समस्या होती है तो दस्तावेजो कि मदद से समस्या का निवारण कर सकते है.
विधिवत प्रक्रिया का पालन करें:
अपने स्थानीय पंचायत या नगर निगम के निर्देश नियम पर कार्य कर रहें है तो इसके लिए जमीन के वैल्यएबल दस्तावेज के साथ आवेदन पत्र जमा करना होगा. उसके बाद ही जमीन का मालिकाना हक प्राप्त कर सकते है.
स्थानीय पंचायत या नगर निगम से संपर्क करें:
अपनी जगह के स्थानीय, क्षेत्र, पंचायत या फिर नगर निगम से संपर्क करें. जिसके पश्चात आवश्यक दस्तावेज पेश कर निर्देश प्रदान करें. उसके बाद मालिकाना हक प्राप्त कर सकते है.
जमीन के लिए पंजीकरण करें:
व्यक्ति जमीन खरीद कर जमीन की रजिस्ट्री करा लेता है और सभी जमीन सम्बंधित कार्यालय का कार्य संपूर्ण रूप से कर लेता है तो पंजीकृत कार्यालय में जाकर आवश्यक दस्तावेज जमा करें. इस प्रक्रिया के अंतग्रत कुछ पैसे शुल्क के रूप में लगते है. जिसको पेमेंट करने के बाद मालिकाना हक वैल्यूएबल दस्तावेज प्राप्त होगा. जिसमे आपका नाम रजिस्टर होगा.
अवैध कब्जे को हटायें:
ज्यादा दिनों तक जमीन या सम्पत्ति पर 12 वर्अषो तक वैध कब्ज़ा कर लेते है तो आप मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए उच्च नायालय में अपील कर सकते है. इसमे सरकार भी आपके साथ होगी उसके बाद आपको मालिकाना हक प्रदान किया जायेगा.
ज़मीन पर मालिकाना हक कौन दिला सकता है?
यदि किसी भूमि विवाद ज़मीन पर मालिकाना हक के लिए कोर्ट में चल रहा है, तो सिविल कोर्ट मालिकाना हक तय कर सकता है. कोर्ट द्वारा दोनों पक्षों की पूरी जानकारी एवं दस्तावेज जाँच करने के लिए बाद यह निर्णय ले सकती है.
हालांकि, इसकी समीक्षा ग्राम स्तर पर भी किया जा सकता है. लेकिन, जमीन पर मालिकाना हक का कोई पुख्ता जानकारी प्राप्त न होने पर कोर्ट का रुख किया जा सकता है. इस सन्दर्भ में सिविल कोर्ट जमीन पर मालिकाना हक प्राप्त करने की निर्णय सुना सकती है.
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जमीन पर मालिकाना हक के सम्बन्ध में प्रश्न: FAQs
किसी भी जमीन का मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए जमीन के रजिस्ट्री के 45 से 90 दिनों के अन्दर दाखिल ख़ारिज कराना जरुरी होता है. यह हमें जमीन के स्वामी होने का हक प्रदान करता है क्यूँकि जमीन का दाखिल ख़ारिज होंने में जमीन के पहले स्वामी का नाम हटा कर खरीदार को जमीन का स्वामी बना दिया जाता है.
किसी भी गैर जमीन पर अगर 12 साल तक कब्ज़ा रहता है. तो उस जमीन का मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए क़ानूनी तौर पर application दे सकते है. जिसमे कानून भी आपका साथ देगी.
सरकारी नियम के तौर पर दावा करने के लिए कोई सुविधा शुल्क के रूप में पैसा नहीं लगता यह आपके नगर निगम और पंचायत उपलब्ध स्थानीय प्रशासनिक नियमों पर निर्भर करता है. क्यूँकि रजिस्ट्री और दस्तावेजो को पंजीकृत करने के लिए 2 से 3 हजार रूपए लगते है.
कोई व्यक्ति जमीन का स्वामि न होते हुए भी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करता है तो सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन (थान) में complain करें. अगर इससे भी समस्या का निवारण नहीं होता है. तो इस मामले को उच्चन्यालय तक लेके जा सकते है. इसके बाद क़ानूनी नियम के तहत समस्या का निदान किया जायेगा.
किसी भी जमीन पर अवैध कब्ज़ा है तो उस जमीन का स्वामी अवैध कब्ज़ा हटाने के लिए ऑनलाइन वेब पोर्टल का उपयोग कर सकता है.
jansunwai.up.nic.in पर विजिट करें.
नया पेज open होने पर जिसमे आप्शन सिकायत पंजीकरण पर क्लिक कर अवैध कब्ज़ा हटाने के सन्दर्भ में complain करें.