जमीन नामांतरण मध्यप्रदेश करने के लिए लोगो को पिछले काफी समय से समस्या का सामना करना पड़ रहा था. क्योंकि, जमीन नामांतरण करने के प्रक्रिया पूरी तरह विभाग द्वारा की जाती थी. लेकिन अब मध्यप्रदेश सरकार जमीन नामांतरण करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल rcms.mp.gov.in को लांच कर दी है. इस पोर्टल के लांच हो जाने से मध्यप्रदेश में जमीन के नामांतरण के प्रक्रिया बहुत आसान हो गया है.
यदि आपने किसी जमीन की रजिस्ट्री की है, तो नामांतरण दर्ज करने की प्रक्रिया तथा नामांतरण पंजी निकालने की प्रोसेस आपको पता होना चाहिए. क्योंकि, रजिस्ट्री होने के एक निश्चित समय अंतराल के बाद नामांतरण कराना आवश्यक है, क्योंकि, नामांतरण होने के बाद ही अचल संपत्ति नए मालिक के नाम ट्रांसफर की जाती है. यदि आपको एमपी नामांतरण दर्ज करने या स्टेटस चेक करने की विषय में जानकारी नही है तो इस लेख में उसकी सभी प्रक्रिया दिया गया है:
जमीन नामांतरण का अर्थ
सबसे पहले आपको ये जानना आवश्यक है कि नामांतरण शब्द का अर्थ नाम का अंतरण है. अर्थात, वह क्रिया जिसकी मदद से किसी संपति को एक व्यक्ति के नाम से दूसरे व्यक्ति जे नाम पर चढ़ाई जाती है.
इस प्रक्रिया को नामांतरण दर्ज करना, दाखिल खारिज करना या Mutation दर्ज करना भी कहा जाता है. क्योंकि, एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति के नाम जमीन का मालिकाना हक ट्रान्सफर करने के लिए नामांतरण दर्ज करना महत्वपूर्ण होता है.
मध्यप्रदेश जमीन नामांतरण पंजी कैसे निकाले?
मध्यप्रदेश जमीन नामांतरण आवेदन के बाद प्राप्त registration number के मदद से नामांतरण पंजी इस प्रकार निकाल या देख सकते है.
- सबसे पहले मध्यप्रदेश राजस्व विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट को ओपन करे.
- अधिकारिक वेबसाइट के होम पेज से “सर्च” के विकल्प पर क्लिक कर “आवेदन के वर्तमान स्थिति” को सेलेक्ट करे.
- क्लिक करने के बाद एक पेज ओपन होगा, इस पेज पर आवेदन क्र./LSK ID/रजिस्ट्री नंबर दर्ज करने के लिए निर्देशित किया जाएगा.
- इस पेज पर आवेदन नंबर या रजिस्ट्री नंबर डाले और “Submit” पर क्लिक करे. अब नामांतरण पंजी स्टेटस स्क्रीन पर आ जाएगा.
जमीन नामांतरण की प्रक्रिया MP
स्टेप 1: सबसे पहले मध्यप्रदेश राजस्व विभाग की ऑफिसियल साइट https://rcms.mp.gov.in/Citizen/Default.aspx को ओपन करे.
स्टेप 2: अधिकारिक वेबसाइट ओपन होने के बाद मेनू के आवेदन के सेक्शन में जाए. और उसमे से नामांतरण के विकल्प पर क्लिक करे.
स्टेप 3: क्लिक करने के बाद एक पेज ओपन होगा, इस पेज से आप जिस आधार पर नामांतरण दर्ज करना चाहते है, उसे सेलेक्ट करे. उदाहरण के लिए:
स्टेप 4: अब आपके सामने “आवेदन-पत्र भरने के पूर्व की तैयारी” का एक पेज खुलेगा. जिसमे कुछ स्टेप्स एवं दिशानिर्देश दिया होगा, जैसे;
- 1. क्या विक्रेता /खातेदार/दानकर्ता द्वारा धारित भूमि के खसरे की PDF File तैयार कर ली है ?
- 2. क्या विक्रय/दान भूमि के नक़्शे की PDF File तैयार है ?
- 3. क्या पंजीकृत दस्तावेज के प्रथम चार पृष्ठों को स्कैन कर PDF File तैयार है ?
Note: आवेदन पत्र भरने से पहले उपरोक्त प्रक्रिया के आधार पर सभी दस्तावेज का पीडीऍफ़ फाइल बना ले आगे बढ़े पर क्लिक करे.
स्टेप 5: मध्यप्रदेश जमीन नामांतरण फॉर्म अगले 6 स्टेप में भरना है, इस सन्दर्भ में अधिकारिक वेबसाइट पर स्टेप बाय स्टेप जानकारी पहले से उपलब्ध है. जानकारी के लिए बता दे की फॉर्म में सिर्फ वही जानकारी भरने है, जिसका पीडीऍफ़ आपने बनाया है. नामांतरण आवेदन प्रक्रिया के लिए आप इस लिंक को भी फॉलो कर सकते है.
नामांतरण करने के मुख्य आधार
मध्यप्रदेश में जमीन का नामान्तरण निम्न प्रकार के है:
फोती नामांतरण: जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके वारिस फौती नामांतरण के तहत आवेदन कर सकते है.
वसीयत के आधार पर नामांतरण: अगर जीवित व्यक्ति किसी पंजीकृत पेपर पर अपनी संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति के नाम करता है. यदि उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो इस परिस्थिति में वो व्यक्ति मृत्यु के पश्चात संपत्ति नामांतरण के लिए पंजीकृत पेपर का उपयोग कर आवेदन कर सकता है.
पंजीकृत विक्रय पत्र नामांतरण: अगर किसी व्यक्ति ने अपनी कोई संपत्ति किसी दूसरे व्यक्ति बेच दी है, तो ऐसी परिस्थिति में विक्रय पत्र के आधार पर संपत्ति का नामांतरण किया जा सकता है.
दान पात्र के आधार पर नामांतरण: अगर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति दान क्र देता है, तो उस दान पत्र के आधार पर नामांतरण किया जा सकता है.
मध्यप्रदेश जमीन नामांतरण के नियम
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जमीन नामांतरण करने के सन्दर्भ में कुछ नियम बनाये गये है. हालॉकि हर वर्ष राजस्व विभाग द्वारा कुछ नियमों में फेर बदल किया जाता है ताकि निष्पक्ष रूप से जमीन का नामांतरण किया जा सके, नए नियम इस प्रकार है.
- फोती नामांतरण पर सभी वारिसों के आधार पर जमीन का नामांतरण
- फोती नामांतरण के वारिस के द्वारा अपना हक त्याग करने पर
- फोती नामांतरण वसीयत के आधार भी किया जा सकता है.
- अगर जमीन किसी अन्य को व्यक्ति बेची जा रही है तो जमीन का पंजीकृत विक्रय पत्र होना आवश्यक है.
- अगर जमीन किसी व्यक्ति को दान में दी जा रही हो, तो पंजीकृत दान पत्र के आधार पर फोती नामांतरण किया जा सकता है.
- वारिस के नाबालिक से बलिक होने पर फोति नामांतरण किया जा सकता है.
- किसी के द्वारा बंधक/ बटाई दर्ज करने पर
- किसी के द्वारा बंधक / बटाईमुक्त करने पर
जमीन नामांतरण हेतु आवश्यक दस्तावेज
मध्यप्रदेश में अगर आप जमीन नामांतरण कराना चाहते है, तो आपके पास कुछ आवश्यक दस्तावेज होना अत्यंत आवश्यक है. जो इस प्रकार है:
- खसरा नंबर
- BI की फोटो कॉपी
- भूमि का अधिकार प्रमाण पत्र
- आवेदक का एक पहचान पत्र ( आधार , वोटर आईडी आदि.)
- मृत्यु प्रमाण पत्र
- भूमि का रजिस्ट्री दस्तावेज
- दान पत्र (यदि भूमि दान के आधार पर करना हो, तो)
ऊपर दिए गये 4 डॉक्युमेंट सभी प्रकार के जमीन नामांतरण में रहेंगे. लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र की जगह आपको उस डॉक्यूमेंट को लगाना होगा जिसके आधार पर आपको नामांतरण करवाना है.
एमपी नामांतरण हेतु संपर्क विवरण
कार्यालय प्रमुख राजस्व आयुक्त, मध्यप्रदेश 220, राजस्व राहत भवन, अरेरा हिल्स, भोपाल, |
ईमेल: prirevcom@mp.gov.in |
whatsapp संपर्क नंबर: 9407299468 |
हेल्पलाइन नंबर: 0755-2700803, 2525800 |
पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs
मध्यप्रदेश में जमीन का नामांतरण पंजी निकालने के लिए पहले अधिकारिक वेबसाइट पर जाए और सर्च के विकल्प पर क्लिक कर नामांतरण वर्तमान स्थिति पर क्लिक करे. इसके बाद रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज कर सबमिट कर दे, आपका नामांतरण निकल जाएगा.
नामान्तरण के लिए पहले आवेदन करना चाहिए. हालाँकि एमपी में नामांतरण कार्यालय और ऑनलाइन प्रक्रिया से होता है. यदि आप ऑफिस से करना चाहते है, तो वहां जाए और आवेदन फॉर्म भरे और जमा करे. या अधिकारिक वेबसाइट से घर बैठे ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर कर जमा करे.
नामांतरण में अब 50 रूपये लगते है, लेकिन इसके लिए आपको समाचार पत्रों में नामांतरण के लिए दो विज्ञापन देना होगा.
मध्य प्रदेश में नामांतरण प्रक्रिया पूरा होने में लगभग 10 से 15 दिन लगते है. यदि आपके द्वारा दिए गए सभी दस्तावेज सही है, तो इस समय से पहले भी नामांतरण हो जाता है.