कोई भी व्यक्ति अपनई संपत्ति या प्रॉपर्टी किसी दुसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रान्सफर कर सकते है. लेकिन सही से प्रॉपर्टी ट्रान्सफर नही होने से विभिन्न प्रकार के विवाद उत्पन्न होते है. इस स्थिति से बचने हेतु सरकार द्वारा प्रॉपर्टी ट्रान्सफर करने के लिए कुछ नियम एवं शर्तें बनाए है, जिसके माध्यम से बिना किसी परेशानी के प्रॉपर्टी ट्रान्सफर किया जा सकता है.
किसी रिश्तेदार या किसी दुसरें व्यक्ति के नाम पर प्रॉपर्टी ट्रान्सफर करने के लिए 3 या 4 कानूनी विकल्प मौजूद है. ज्यादतर सेल डीड, गिफ्ट डीड और त्यागनामा आदि के माध्यम से प्रॉपर्टी ट्रान्सफर किया जाता है. और कुछ मामलों विल, वसीयत या इच्छा पत्र द्वारा भी ट्रान्सफर किया जाता है. आइए प्रॉपर्टी ट्रान्सफर के नियम एवं तरीका जानते है:
दूसरे के नाम जमीन ट्रासंफर करने का तरीका
किसी भी दुसरे व्यक्ति के नाम पर अपनी प्रॉपर्टी ट्रान्सफर करने के लिए क़ानूनी प्रक्रिया को फॉलो करना पड़ता है. सरकार जमीनी प्रॉपर्टी को ट्रान्सफर करने हेतु विभिन्न प्रकार के क़ानूनी प्रक्रिया को इजाजत प्रदान करती है, जिसके मदद से बिना किसी परेशानी के प्रॉपर्टी ट्रान्सफर किया जा सके.
जमीन ट्रान्सफर करने के लिए सेल डीड या बिक्रीनामा तरीका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है. इस नियम से जमीन ट्रान्सफर करने हेतु सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड कराना पड़ता है. इसके बाद प्रॉपर्टी नए मालिक के नाम ट्रांसफर होता है. नियम के अनुसार जिस व्यक्ति को जमीन ट्रान्सफर कर रहे है, वो आपके रिश्तेदार नही होने चाहिए. इसके अलावे दूसरे के नाम जमीन ट्रासंफर करने का तरीका निम्न है.
सेल डीड या बिक्रीनामा
सेल डीड प्रॉपर्टी ट्रान्सफर अग्रीमेंट करने का सबसे आसान और सबसे लोकप्रिय तरीका है. इस प्रक्रिया के माध्यम से प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए पहले रजिस्ट्रार ऑफिस में आवेदन करना पड़ता है.
इस डीड के अंतर्गत दोनो पक्षों के बीच तय हुई शर्तों का एक कॉन्ट्रैक्ट सुनिश्चित किया जाता है, जो प्रॉपर्टी ट्रान्सफर करने में सहायक होने के साथ सम्बन्ध को भी मजबूत करता है.
गिफ्ट डीड
भारत में ऐसे देखा गया है कि कोई भी अपनी संपत्ति को गिफ्ट के रूप में किसी को भी प्रदान कर दिया जाता है. लेकिन प्रॉपर्टी के सन्दर्भ में उसे ऐसे ही किसी को गिफ्ट नही किया जा सकता है. गिफ्ट डीड के तहत बिना पैसों के लेनदेन कर अपनी चल और अचल संपत्ति किसी को तोहफे या दान में प्रदान कर सकते है.
लेकिन गिफ्ट में प्रॉपर्टी देने के लिए स्टैंप पेपर पर एक डीड बनाना अनिवार्य है. क्योंकि, उस डीड को दो गवाहों के साथ रजिस्ट्रार दफ्तर में जमा करना पड़ता है.
यदि आप ऐसे नही करते है, तो गिफ्ट या दान किए गए प्रॉपर्टी वैलिड नही माना जाएगा. क्योंकि, गिफ्ट के बाद भी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक़ प्रॉपर्टी के ओनर के पास ही रहेगा.
Note: चल संपत्ति जैसे गहना, कार आदि बिना रजिस्ट्रेशन के भी गिफ्ट किया जा सकता है.
त्यागनामा
यदि कोई व्यक्ति किसी संपत्ति का सह मालिक हैं और अपना अधिकार उस प्रॉपर्टी से हटाना चाहते हैं, तो त्यागनामा डीड बनाकर ऐसा कर सकते है. अर्थात, किसी प्रॉपर्टी में दो लोगों का संयुक्त भागीदारी है, तो त्यागनामा के मदद से उस प्रॉपर्टी से अपना मालिकाना हक़ हटा सकते है.
प्रॉपर्टी को ट्रान्सफर करने के उद्देश्य से त्यागनामा बनाया जाता है, तो भी उसे रजिस्ट्रार के पास जमा कर उसे वैलिड कराना पड़ता है. और इस प्रक्रिया में सरकार द्वारा लगाए गए सभी चार्ज जमा करना पड़ता है.
अवश्य पढ़े,
शरांश:
प्रॉपर्टी को दुसरें के नाम ट्रान्सफर करने के लिए सेल डीड, गिफ्ट डीड और त्यागनामा का उपयोग कर सकते है. इनमे से कोई भी डीड बनाने के लिए रजिस्ट्रार के ऑफिस जाना अनिवार्य होता है. इस प्रक्रिया में स्टाम्प ड्यूटी के साथ अन्य सरकारी शुल्क भी लगते है. इसलिए, किसी भी प्रक्रिया को फॉलो करने से पहले एक आवश्यक क़ानूनी सलाह अवश्य ले.