जब भी किसी जमीन या मकान को खरीदते या बेचते है, तो उस मकान या जमीन का रजिस्ट्री कराना होता है. क्योकि यह एक सरकारी प्रकिया होती है जिसमे विभिन्न प्रकार के नियम एवं शर्ते होती है. जिसे पूरा करने के बाद वह मकान एक व्यक्ति के नाम से दुसरे व्यक्ति के नाम पर किया जाता है. और यह नियम सरकार द्वारा लागु किया गया है, जिसे भारत के प्रत्येक व्यक्ति को फॉलो करना आवश्यक है.
कई बार ऐसा होता है कि किसी व्यक्ति ने मकान ख़रीदा है. लेकिन उस जमीन का रजिस्ट्री नियम के अनुसार नही किया है, जिसके कारण आगे चल कर उन्हें कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ा है. इसलिए यहाँ मकान की रजिस्ट्री के नियम के साथ कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी दिया गया है, जिसे फॉलो कर होने वाले समस्याओं से बच सकते है और सही तरीके से मकान की रजिस्ट्री करा सकते है.
मकान की रजिस्ट्री के नियम
यदि आप ने किसी व्यक्ति से मकान खरीदी है और उस मकान का रजिस्ट्री कराना चाहते है, तो यह राज्य के अनुसार भिन्न हो सकता है. लेकिन ज्यादातर नियम लगभग सामान ही होते है.
- जिस भी व्यक्ति से मकान ख़रीदे है उसके द्वारा दिए गए डॉक्यूमेंट और मकान की जाँच अवश्य करे. क्योकि, इससे यह पता चलता है कि वह मकान या व्यक्ति फर्जी तो नही है.
- मकान की रजिस्ट्री कराते समय मकान बेचने वाले व्यक्ति के दोनों हाथो के उँगलियों के निशान रजिस्ट्री ऑफिस में लगता है.
- बेचे जाने वाले मकान का नक्शा होना आवश्यक है. यदि उस मकान का नक्शा नही है तो मकान की रजिस्ट्री नही सकती है.
- मकान खरीदने और बेचने वाले दोनों व्यक्तियों का फोटो ऑनलाइन तहसील में अपलोड होने के बाद ही मकान रजिस्ट्री की प्रकिया शुरू होता है.
- जमीन रजिस्ट्री के नए नियम के अनुसार यदि पावर ऑफ अटॉर्नी है तो उसके साथ आवासीय प्रमाण पत्र लगाना आवश्यक है, इसके बिना मकान रजिस्ट्री नही की जा सकती है.
- मकान बेचने वाले व्यक्ति द्वारा जमा किए गए दस्तावेज में पूरा नाम, पिता का नाम, उम्र पता आदि की जानकारी सामिल होना चाहिए.
- मकान की रजिस्ट्री से पहले संपत्ति का वैल्यूएशन कराना होता है और उसी वैल्यूएशन की रकम में से जो ज़्यादा होगा, उस पर स्टाम्प शुल्क देना होता है.
- रजिस्ट्री के लिए जिस्ट्रार ऑफ़िस में दो गवाह और उनके पहचान पत्र और फ़ोटो जमा करना होता है.
- रजिस्ट्रेशन होने के बाद लगभग 45-90 दिनों में मकान की ओरिजनल रजिस्ट्री मिलती है.
मकान रजिस्ट्री कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- बेचने और खरीदने वाले व्यक्ति का पहचान पत्र
- आधार कार्ड,
- पैन कार्ड,
- वोटर आईडी
- बेचने और खरीदने वाले व्यक्ति का निवास प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड,
- बिजली बिल,
- टेलीफोन बिल
- मकान का स्वामित्व प्रमाण पत्र
- मूल बिक्री विलेख
- मकान का नक्शा
- मकान का कर भुगतान रसीद
- मकान संपत्ति का मूल्यांकन प्रमाण पत्र
- विक्रेता और खरीदार के बैंक खाते का विवरण
- स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क के लिए भुगतान रसीद
मकान रजिस्ट्री कैसे कराए
- मकान की रजिस्ट्री कराने से पहले सभी दस्तावेजों को एकत्र करें.
- इसके बाद सभी डॉक्यूमेंट को लेकर अपने नजदीकी उप-पंजीयक रजिस्ट्री कार्यालय में जाएं.
- इसके बाद कर्मचारी से बिक्री विलेख फॉर्म प्राप्त करे.
- फॉर्म में दी गई सभी जानकारी को भरें.
- फॉर्म के साथ मांगे गए सभी दस्तावेजों को जमा करें.
- इसके बाद स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करें.
- उप-पंजीयक द्वारा दस्तावेजों का जाँच किया जाएगा.
- इसके बाद बिक्रेता और क्रेता का हस्ताक्षर और साथ में दो गवाहों का भी हस्ताक्षर कराया जाता हैं.
- इसके बाद रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. और उस माकन या जमीन का एक दस्तावेज़ प्रदान किया जाएगा.
मकान रजिस्ट्री कराने से पहले महत्वपूर्ण बातें
- मकान रजिस्ट्री कराने से पहले मकान की जाँच करे. कही माकन दुबारा तो नही बेच जा रहा है.
- उस मकान के दस्तावेज की जाँच करे कि उस मकान का मालिकाना हक़ उस व्यक्ति के पास है या नही.
- मकान का उस व्यक्ति के नाम पर है या किस अन्य व्यक्ति नाम पर है यह पावर ऑफ अटॉर्नी में चेक कर सकते है.
Note: मकान रजिस्ट्री के अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी वकील से सम्पर्क करे और मकान रजिस्ट्री के नियम के बारे सलाह ले सकते है.
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQs
मकान की रजिस्ट्री कराने के लिए जमीन खरीददार और विक्रेता को अपनी रजिस्ट्री कार्यालय जाना होता है. इसके बाद बैनामा के आधार पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होता है. उसके दस्तावेज और क्रेता-विक्रेता के फोटो आदि ऑनलाइन सबमिट करना होता है. इसके बाद मकान की रजिस्ट्री की जाती है.
मकान रजिस्ट्री के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होता है. खरीदाने और बेचने वाले व्यक्ति के आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, या राशन कार्ड, जाती प्रमाण पत्र, स्थानीय प्रमाण पत्र, मकान का कर भुगतान रसीद, मकान का नक्शा आदि.
मकान का भी दाखिल खारिज होता है. जिस दिन प्लॉट या मकान खरीदा जाता है, तो रजिस्ट्री के समय ही दाखिल खारिज करा लेना चाहिए. यदि आप दाखिल खारिज नहीं कराते हैं तब तक आप प्लॉट या मकान के मालिक नहीं होते हैं.