किसी भी खेत, जमीन, भूखंड, प्लॉट, मकान, घर आदि को खरीदने या बेचने के लिए एक क़ानूनी प्रक्रिया होती है, जिसमे विभिन्न प्रकार के नियम एवं शर्ते है, जिसे मानना आवश्यक होता है. सरकार द्वारा बनाए गए नियम को प्रत्येक व्यक्ति मानता है. लेकिन जमीन खरीदते समय कुछ नियमों को अनदेखा कर वो आगे बहुत परेशान होते है. इसलिए, जमीन खरीदने या बेचने से सम्बंधित सभी आवश्यक नियम को ध्यान से पढ़े और समझे.
सरकार द्वारा निर्धारित नियम के अतिरिक्त जमीन खरीदने से पहले कुछ आवश्यक जानकारी को पता करे. कई बार देखा गया है कि जमीन खरीदने वाले प्रॉपर्टी के विषय में जानकारी प्राप्त नही करते है, जिससे उन्हें बाद में कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए, जमीन रजिस्ट्री के नियम के साथ कुछ सावधानियों को बताया गया है, जिसे फॉलो कर समस्याओं से बच सकते है.
जमीन की रजिस्ट्री के नियम
सामान्यतः राज्य के अनुसार जमीन रजिस्ट्री के कुछ नियम अलग हो सकते है. लेकिन ज्यादातर नियम लगभग सामान ही होते है. अतः निचे दिए गए नियम को फॉलो कर बिना किसी परेशानी के जमीन रजिस्ट्री करा सकते है.
- जमीन रजिस्ट्री कराने से पहले जिस व्यक्ति से जमीन खरीद रहे हैं, उस व्यक्ति द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों में से आईडी और नाम की सत्यता की जाँच करे. इससे यह पता चलता है कि वह व्यक्ति फर्जी नही है.
- नए नियम के अनुसार जमीन की ऑनलाइन रजिस्ट्री तहसील में होती है.
- जमीन बेचने वाले व्यक्ति के दोनों हाथो के उँगलियों के निशान रजिस्ट्री ऑफिस में लगता है.
- बेचे जाने वाले जमीन का नक्शा होना आवश्यक है. नक्शा न होने पर जमीन की रजिस्ट्री नही होगी.
- दोनों पक्षों की व्यक्तियों का फोटो ऑनलाइन तहसील में अपलोड होने के बाद ही जमीन रजिस्ट्री का काम शुरू होता है.
- जमीन रजिस्ट्री के नए नियम के अनुसार पावर ऑफ अटॉर्नी के साथ आवासीय प्रमाण पत्र लगाना आवश्यक है, इसके बिना जमीन रजिस्ट्री नही की जा सकती है.
- प्रॉपर्टी, प्लॉट, खेत, या कृषि भूमि बेचने वाले व्यक्ति द्वारा जमा किए गए दस्तावेज में पूरा नाम, पिता का नाम, उम्र पता आदि मेंशन होना चाहिए.
रजिस्ट्री के समय ध्यान रखने वाले नियम
- जमीन बेचने वाले व्यक्ति के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करे. जैसे व्यक्ति उसी जमीन को दुबारा तो नही बेच रहा है, कोई फर्जी एक्टिविटी तो नही कर रहा है, आदि.
- जमीन संबंधित दस्तावेज चेक करे. यदि उस प्रॉपर्टी का मालिकाना हक यदि उसके पास नही है, तो पावर ऑफ अटॉर्नी दस्तावेज चेक करे.
- उस व्यक्ति के नाम है या अन्य किसी व्यक्ति के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी में चेक करे
- यदि कृषि हेतु जमीन खरीदी रहे है, तो राज्य के ऑफिशल पोर्टल पर जिला, तहसील, गांव, सर्च कर खसरा नंबर या सर्वे नंबर से जमीन की जमाबंदी खसरा खतौनी चेक करे.
- बेचीं जाने वाली जमीन यदि पहले कृषि के लिए था लेकिन अब उस पर प्लॉट बन रहा है, तो सरकार की तरफ से रेजिडेंशियल एप्रूव्ड है या नहीं, इसकी जानकारी चेक करे.
- उस जमीन रेजिडेंशियल या प्लॉट बनाने हेतु आबादी परमिशन है या नही चेक करे
- इसके अलावे, सरकार द्वारा उस स्थान पर रहने की अनुमति है या नहीं, इसे भी चेक करे.
जमीन रजिस्ट्री के जरुरी दस्तावेज
- पहचान पत्र: आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि.
- NOC – नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट: बैंक द्वारा जरी एनओसी सर्टिफिकेट
- जमीन के पेपर: जमीन के दस्तावेज, जमाबंदी, खतौनी, नकल और नक्शा.
- जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी: पावर ऑफ अटॉर्नी एक ऐसा लेटर
- प्रॉपर्टी टैक्स दस्तावेज: प्रॉपर्टी से टैक्स लगान इत्यादि से जुड़े दस्तावेज.
- बैंक विवरण: प्रॉपर्टी खरीदने के दौरान बेचने वाले को दिया गया चेक का विवरण
- राजस्व विभाग द्वारा निर्धारित स्टांप पेपर
- स्टांप में दोनों क्रय-विक्रय पार्टी का एग्रीमेंट
जमीन रजिस्ट्री कराने से पहले स्टैंप ड्यूटी रेट चेक करे
- स्टाम्प ड्यूटी चेक करने के लिए www.indiabullshomeloans.com पर पर जाए.
- वेबसाइट के मेनू में से STAMP DUTY CALCULATOR के लिंक पर क्लिक करे.
- नए पेज से अपने राज्य का नाम सेलेक्ट कर नीचे दिए गए बॉक्स में जमीन की कीमत लिखे.
- इसके पश्चात् Calculate आप्शन पर क्लीक कर स्टाम्प ड्यूटी रेट पता करे.
शरांश:
ऊपर बताए गए सभी नियमो को फॉलो करते हुए जरुरी सभी डाक्यूमेंट्स को रजिस्ट्रार कार्यालय में पेश करें. रजिस्ट्रार ऑफिस में आपको टोकन नंबर प्रदान किया जाएगा, जिसके अनुसार अन्दर जाना होगा. ऑफिस में जाने पर रजिस्ट्रार द्वारा जमीन बेचने और खरीदने से सम्बंधित कुछ प्रश्न पूछा जाएगा. उन सवालों के जवाब देने के बाद जमिन रजिस्ट्री के लिए दोनों पक्षों से हस्ताक्षर कराया जाएगा. इस प्रकार जमीन की रजिस्ट्री हो जाएगा.
FAQs: जमीन रजिस्ट्री के नियम
जमीन रजिस्ट्री में ऐसे गवाह होते है, जो बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों को पहचानते हो. गवाही के लिए गवाह के पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी आदि दर्ज किए जाते है.
जमीन की रजिस्ट्री के लिए स्टांप पेपर, दोनों पक्षों का पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी देना होता है. इसके अलावे, जमीन के दस्तावेज जमा कर बेचने वाले का उंगलीयों का निशान भी लगया जाता है. रजिस्ट्री के नियम दुसरें राज्यों में भिन्न हो सकता है. इसलिए, जाँच पहले कर ले.
जमीन रजिस्ट्री के लगभग 45-90 दिनों के बाद दाखिल खारिज होता है. ध्यान दे, दाखिल खारिज करना सबसे अनिवार्य होता है. इसलिए, समय के अनुसार इसे पूरा करे.
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