जमीन से अवैध कब्ज़ा हटाने के सन्दर्भ में सरकार द्वारा अलग-अलग नियम कानून बनाये गए हैं, जिसके तहत आप अपनी निजी जमीन से अवैध कब्जा हटा सकते हैं. उदाहरण के लिए यदि कोई आपके जमीन का स्वामी न होते हुए भी जमीन पर अवैध कब्ज़ा कर लेता है, तो इसके निदान हेतु आप अपने नजदीकी थाना में रिपोर्ट कर सकते है.
यदि इससे भी आपका निदान नहीं होता है, तो आप अपने जिला सम्बंधित न्यालय में मामलों की रिपोर्ट कर सकते है. अवैध कब्ज़ा के निदान के लिए CRPC 5 और 6 के तहत दस्तावेजों की जानकारी लेकर न्यालय द्वारा आपकी समस्या का निदान की जाएगी. इस पोस्ट में निजी जमीन से अवैध कब्ज़ा कैसे हटायें के सभी प्रक्रिया निचे दिया है, इसके साथ लागु होने वाली सभी धराए भी उपलब्ध है, जो अवैध कब्जा हटाने में आपका मदद करेगा.
जमीन अवैध कब्ज़ा क्या है?
क़ानूनी तौर पर अपनी संपत्ति न होते हुए भी उस जमीन पर हक़ जाताना, जबरदस्ती करना, जमीन पर कब्ज़ा कर लेना, अवैध कब्ज़ा कहलाता है. अवैध कब्ज़ा के अंतर्गत जमीन, मकान, दुकान, आदि संपत्ति आती है.
अगर व्यक्ति 12 वर्षो से किसी प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा किया है, तो सरकार भी उसे अवैध कब्ज़ा जारी रखने में सक्षम करेगा.
दुसरे शब्दों में,
जबरदस्ती या संपत्ति के क़ानूनी हकदार न होते हुए भी ब्यक्ति गैरकानूनी तरीको से संपत्ति पर अपना धोस जताता है और संपत्ति पर अवैध तरीकों से कब्ज़ा कर लेता है उसे ही अवैध कब्ज़ा कहतें हैं.
लेकिन यदि उस व्यक्ति के पास परिसर का उपयोग करने के लिए संपत्ति स्वामी की अनुमति है, तो यह एक कानूनी वैद्यता होगी.
जमीन से अवैध कब्जा हटाने के नियम
यदि किसी व्यक्ति द्वारा आपके निजी जमीन पर अवैध कब्जा किया जाता है, तो जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए क़ानूनी प्रक्रिया का पालन कर सकते है.
- अवैध कब्जा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करना होगा.
- अदालत में मुकदमा दायर कर कानूनी प्रक्रिया द्वारा अवैध कब्जा हटाना होगा.
- कोर्ट द्वारा निजी जमीन पर अवैध कब्जा के खिलाफ आपके पक्ष में रिजल्ट आता है, तो आप अपने जमीन को पुनः प्राप्त कर सकते है.
- यदि कोर्ट के फैसले के बाद भी जमीन पर आपका कब्जा नही हो पा रहा है, तो फैसले के आधार पर पुलिस की सहायता ले.
जमीन से अवैध कब्ज़ा कैसे हटायें
- अवैध सम्पति से छुटकारा पाने के लिए आप अपने नजदीकी पुलिस अधीक्षक के पास लिखित शिकायत कर सकते है.
- इससे भी समस्या का निदान नहीं होता है तो जिस क्षेत्र में संपत्ति है, उस जिला अधिकारी (एसपी) के पास लिखित शिकायत दर्ज करें.
- जिला पदाधिकारी के पास लिखित शिकायत के उपरांत मसला का निवारण नहीं होता है, तो लिखित (FIR) अपने जिला सम्बंधित अदालत में संपत्ति पर कब्ज़ा किये हुए व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करें.
- आप धारा 5 और 6 के तहत समस्या के निदान के लिए मांग कर सकते है, जिससे कब्जे किये हुए व्यक्ति के खिलाफ आधिकारक दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 145 के तहत अवैध कब्ज़ा से अपनी संपत्ति को वापस पा सकते हैं.
- जो व्यक्ति अवैध संपत्ति के मामलों से पीड़ित हैं, वो हमारे देश के भारतीय कानून अधिनियम के तहत अपने समस्या के निदान के लिए मांग कर सकते है.
अवैध कब्ज़ा से बचने के लिए क्या सावधानी बरतें?
अपनी संपत्ति का सावधानी पूर्वक देख भाल समय के अनुसार अच्छे से करने के लिए अपने किरायेदारों पर नजर रखे. तथा किसी भी रेंट अभिभावक को ज्यादा समय के लिए नहीं रखें. अर्थात, 11 महोनों बाद किरायेदार को अपने मकान से हटा दें.
यदि आपका संपत्ति या जमीन खाली पड़ा है, तो उस प्रॉपर्टी को बाउंड्री करा लें. और संपत्ति पर हमेसा कुछ कार्य करते रहें. अन्यथा आपकी संपत्ति पर अवैध कब्ज़ा होने के संभावना बना रहेगा.
मालिक को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ता है, उसके बाद भी किरायेदार पर नजर भी रखनी पड़ती है जिससे वो संतुष्ठ रहें की उसकी संपत्ति किसी भी धोखाधारी शिकार न हो. इसलिए, अवैध कब्जे से बचने के लिए उपरोक्त प्रक्रिया को समय के अनुसार फॉलो करते रहे.
धोखाधड़ी से बचने के लिए रेंट अग्रीमेंट तथा रजिस्ट्रेशन कराए
अक्सर ऐसा होता है की माकान मालिक कम खर्च के चलते संपत्ति से हाथ धो बैठतें हैं. और धोखाधारी का शिकार हो जातें हैं. क्योंकि, मालिक पैसे के खर्च और रजिस्ट्रेशन के समस्या से अक्सर माकान मालिक अग्रीमेंट की जगह नोटरी करवा लेते हैं.
लेकिन माकान मालिक ये भूल जातें हैं की किरायेदार से किसी भी प्रकार की कोई समस्या होती है, तो अग्रीमेंट डॉक्यूमेंट उस समस्या से निपटने में मदद करता है.
क्योंकि अग्रीमेंट से किरायेदार और मालिक के बिच समस्या के समाधान के निवारण में काफी निदान मिलता है. इसीलिए, घर किराये पर देने से पहले अग्रीमेंट कारा लेनी चाहिए. बिना अग्रीमेंट के कोई भी क़ानूनी उपलबध्ता प्राप्त नहीं होगी.
अवैद कब्जे के रूप में लगने वाली धराए
- धारा 420: यह धारा धोखाधड़ी और बेईमानी से संबंधित है.
- धारा 442: यह धारा घर के ट्रेसपास से संबंधित है.
- धारा 503: यह खंड आपराधिक धमकी से संबंधित है.
अगर कोई व्यक्ति किसी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करते है, तो उनपर उपरोक्त धाराएं लग सकते है.
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Note: अपनी जमीन से अवैध कब्ज़ा हटाने के लिए आपको पुलिस या संबंधित पुलिस अधीक्षक के पास इसकी शिकायत या सुचना दर्ज करानी चाहिए. यदि वहां आपकी समस्या का समाधान नहीं किया जाता है, तो संबंधित न्यायालय में इसकी जानकारी दे. जमीन पर अवैध कब्ज़ा के मामले में सीआरपीसी की धारा 5 और 6 के तहत संज्ञान लेकर आपकी मदद की जाएगी.
पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न: FAQs
जमीन पर अवैध कब्जे के सम्बन्ध में पहले अपने थाना में शिकायत दर्ज कराए. यदि थाना से कोई एक्शन नही लिया जाता है, तो अपने जिला कोर्ट में इसकी शिकायत कर सकते है.
किसी भी जमीनी विवाद में IPC की धाराए 406, 467, 420 लगती है. किसी भी नागरिक के शिकायत के अनुसार इस सभी क़ानूनी धाराओ को विवाद के स्थिति के अंतर्गत लागु किया जाता है.
यदि कोई व्यक्ति आपके जमीन पर जबरन कब्ज़ा कर रहा है, तो उसके खिलाफ थाना में शिकायत दर्ज कराए. इसके बाद कोर्ट में इसकी जानकारी दे. सभी आवश्यक दस्तावेज कोर्ट में दिखाए और कोर्ट उस व्यक्ति को आपके जमीन से हटने का निर्देश देगी.