प्रॉपर्टी पर स्टे कैसे लगाए: जमीन पर स्टे लगाने के नियम

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यदि किसी व्यक्ति के जमीन पर किसी दुसरे व्यक्ति द्वारा अवैध कब्ज़ा करने पर जब एक व्यक्ति पुलिस थाना में FIR दर्ज कराते है, तो पुलिस उसकी निरक्षण करती है. और निरक्षण के बाद बाद यदि जमीन अधिक विवादित है, तो कोर्स से इंसाफ कराने के लिए सलाह प्रदान किया जाता है.

ऐसी स्थिति में किसी व्यक्ति के जमीन पर अवैध कब्जे किए जा रहे या निर्माण को रोकने के लिए कोर्ट का सहारा लिया जाता है और कोर्ट दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद स्टे आर्डर जारी करता है. प्रॉपर्टी पर स्टे आर्डर जारी होने के बाद पुलिस अवैध कब्जे या अवैध निर्माण को रोकने की आदेश देती है. इसके अलावे भी कुछ प्रक्रिया होती है जिसके बारे में निचे विस्तार से समझेंगे.

जमीन पर स्टे ऑर्डर कैसे लगाए?

उदहारण के लिए मान ले कि आपका कोई जमीन है और उस जमीन पर कोई अन्य व्यक्ति अवैध कब्ज़ा कर रहे है, या अवैध निर्माण कर रहे है. या उस जमीन उस दुसरे व्यक्ति का भी जमीन है, लेकिन वे पुरे जमीन पर कब्ज़ा कर रहे है, तो ऐसी स्थिति में उस जमीन पर स्टे ऑर्डर लगवाने के लिए कोर्स में अपनी दलील पेश करनी होगी.

स्टे आर्डर उस प्रॉपर्टी पर लगवाने हेतु किसी अच्छे वकील को हायर करे और उसे सभी जमीन सम्बंधित जानकारी बताए. वकील द्वारा एक वाद पत्र तैयार किया जाएगा और उस पत्र को कार्ट में जज के सामने प्रस्तुत किया जाएगा.

इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई की जाएगी और अगर इसमें दुसरें पक्ष शिकायत सही पाई जाती है तथा कोर्ट को लगता है कि इस मामले में अभी और जांच करनी है, तो ऐसी स्थिति में कोर्ट द्वारा हो रहे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी जाएगी.

स्टे आर्डर की कॉपी दोनों पक्षों को प्रदान की जाएगी, तथा पुलिस को निर्देश दिया जाएगा कि विवादित प्रॉपर्टी यानि जमीन पर तब तक कोई कार्य होने नही दिया जाए, जब तक कोर्ट द्वारा कोई दूसरा निर्देश न आ जाए.

जमीन पर लगे स्टे आर्डर का पालन न करने पर क्या होगा?

जब कोर्ट द्वारा किसी जमीन पर स्टे आर्डर जारी किया जाता है, तो उस स्टे ऑर्डर का पालन दोनों पक्षों को करना पड़ता है. साथ ही पुलिस भी स्टे ऑर्डर का पालन करवाने के लिए प्रतिबध होती है, क्योंकि, उन्हें भी कोर्ट द्वारा शख्त आदेश मिले होते है.

यदि किसी पक्ष द्वारा स्टे आर्डर का पालन नही किया जाता है, अर्थात स्टे आर्डर का उल्लंघन कर कोई निर्माण कर किया जाता है, तो उस व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को जेल हो सकती है साथ में जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

ध्यान दे, कोर्स द्वारा जारी स्टे आर्डर कम से कम 6 महीने के लिए वैलिड होता है. यदि दोनों पक्षों द्वारा स्टे आर्डर का उल्लंघन नही किया जाता है, तो इसे जल्द हटाया भी जा सकता है.

शरांश:

जमीन पर स्टे आर्डर लगाने के लिए वकील से बात करे. ध्यान दे वैसे ही वकील को हायर करे जो दीवानी मामले में एक्सपर्ट हो. स्टे के लिए आवेदन करने पहले क़ानूनी प्रक्रिया के भी विषय में अवश्य चर्चा कर ले ताकि बाद में किसी भी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न न हो.

जमीन पर स्टे कैसे हटाये? Jamin se Stay Hataye

एक बार जमीन पर स्टे आर्डर लागु हो जाने के बाद उसे हटाने के लिए कानूनी प्रक्रिया को फॉलो करना पड़ता है. जो इस प्रकार है:

  • जमीन से स्टे हटाने के लिए विपक्षी पाती को सहमती के के राजी करे.
  • जिस मुद्दे के वजह से स्टे लगा है, उसके सम्बन्ध में चर्चा करे.
  • सहमती होने के बाद एक सहमती पत्र बनाये
  • उस सहमती पत्र पर दोनों पक्षों से हस्ताक्षर कराए, साथ ही पंचायत के लोगो से भी सिग्नेचर कराए.
  • अपने जमीन से स्टे हटाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर करे.
  • सुनवाई के दौरान अपने सहमती पत्र को कोर्ट में पेश करे.
  • सभी कानूनी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए जानकारी एवं तथ्यों को पेश करे.
  • डाक्यूमेंट्स वेरीफाई करने के बाद कोर्ट द्वारा जमीन से स्टे हटा लिया जाएगा.

जमीन पर स्टे हटाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखे:

  • अपने जमीन से स्टे हटाने हेतु याचिका दायर करने से पहले सुनिश्चित करे की आपके पास पर्याप्त साबुत है.
  • सभी आवश्यक डाक्यूमेंट्स जैसे स्टे लगाने के आदेश की कॉपी, जमीन के मालिकाना हक के दस्तावेज, जमीन पर होने वाले निर्माण की जानकारी आदि आपके पास होने चाहिए
  • स्टे हटाने के लिए सुनवाई हेतु कोर्ट में हरिज रहे.
  • कोर्ट अपने सभी जानकारी एवं तथ्यों को डॉक्यूमेंट के अनुसार प्रदान करे.

Note: इसी प्रकार खेती की जमीन पर स्टे हटा सकते है. केवल आपके पास उचित डाक्यूमेंट्स होने चाहिए. इसके अलावे, आप किसी अच्छे वकील से राय ले सकते है.

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पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQs

Q. जमीन पर स्टे लगवाने के लिए क्या करे?

जमीन पर स्टे ऑर्डर लगाने के लिए पहले किसी अच्छे वकील से संपर्क करे. उसके द्वारा सुझाए गए डाक्यूमेंट्स के अनुसर स्टे ऑर्डर लगाने के लिए कोर्ट में आवेदन करे.

Q. स्टे आर्डर का पालन न करने पर क्या होगा?

कोर्ट द्वारा लगाए गए स्टे ऑर्डर का पालन न करने पर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है, तथा 3 की जेल और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

Q. जमीन पर स्टे ऑर्डर कैसे लिया जाता है?

विवादित जमीन पर हो रहे निर्माण को रोकने के लिए स्टे ऑर्डर कोर्ट द्वारा लगाया जाता है. यदि कोर्ट को लगे की दोनों पक्ष कोई निर्माण कर कर रहे है, तो केस का फैसला आने तक उस जमीन पर स्टे ऑर्डर लिया जाता है.

Q. जमीन का स्टे कितने दिन का होता है?

जब किसी जमीन पर स्टे आर्डर कोर्ट द्वारा निर्धारति किया जाता है, तो उसका अवधि कम से कम 6 महिना तक का होता है. यदि जमीन का विवाद सुलझ जाता है, तो जमीन का स्टे आर्डर महज 5 से 6 दिनों में हट जाता है.

ध्यान दे: जमीन में स्टे लगाने के लिए कोर्ट में सिविल जज के सामने एक वाद पत्र दायर करना होता है. यह वाद पत्र दायर करने का काम वकील द्वारा सुनिश्चित किया जाता है और उसके द्वारा ही कोर्ट में वाद पत्र प्रस्तुत किया जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान ही जमीन पर स्टे आर्डर पास किया जाता है.

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