यदि किसी जमीन या मकान को खरीदते है तो सबसे पहले उस जमीन का दाखिल ख़ारिज करना आवश्यक होता है. क्योकि दाखिल ख़ारिज जमीन के मालिक के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है. जिससे यह पता चलता है की उस जमीन या मकान का संपूर्ण रूप से हक़दार कौन है, इसलिए मकान का दाखिल ख़ारिज करना जरुरी होता है.
दाखिल ख़ारिज के बाद उस मकान के मालिक के नाम हटा कर खरीदने वाले व्यक्ति का नाम दर्ज किया जाता है. लेकिन ज्यादातर लोगो को इस प्रकिया के बारे में जानकारी नही है. इसलिए इस आर्टिकल में मकान का दाखिल खारिज होता है या नही, इसके बारे पूरी जानकारी को दिया गया है.
मकान का दाखिल खारिज क्या है
दाखिल ख़ारिज एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट होता है. जो किसी भी जमीन या माकन के खरीद विक्री के बाद बनाया जाता है. अर्थात यदि किसी व्यक्ति ने अपने जमीन को किसी दुसरे व्यक्ति से बेचता है तो खरीदने वाला व्यक्ति उस जमीन का दाखिल ख़ारिज करता है.
दाखिल ख़ारिज में जमीन बेचने वाले व्यक्ति का नाम हटाकर, जमीन को खरीदने वाले व्यक्ति का नाम दर्ज किया जाता है. इसी प्रक्रिया को दाखिल खारिज कहा जाता है. दाखिल खारिज की प्रक्रिया भारत के सभी राज्यों में लागू है. इस प्रक्रिया को राजस्व कार्यालयों द्वारा की जाती है.
क्या मकान का दाखिल खारिज होता है
हां, मकान का दाखिल खारिज होता है, क्योंकि दाखिल खारिज एक दस्तावेज़ है जो किसी प्रॉपर्टी के मालिकाना हक़ को साबित करता है. यह दस्तावेज़, प्रॉपर्टी को विवादों से बचाने के साथ यह प्रमाणित करता है कि प्रॉपर्टी का मालिकाना हक़ आपके पास है.
दाखिल ख़ारिज रजिस्ट्री के 90 दिन बाद होता है. और यह प्रकिया सभी राज्यों में अलग अलग होता है. यदि आपने किस जमीन या मकान को खरीदे है और उस मकान का दाखिल ख़ारिज नही कराए है तो उस माकन पूर्ण अधिकार आपके पास नही है. जिसे आगे चल कर उस मकान पर विवाद हो सकता है. इसलिए मकान का दाकिल ख़ारिज करना जरुरी है.
मकान का दाखिल खारिज क्यों जरूरी है
यदि किसी मकान को खरीदे है तो उस माकन दाखिल ख़ारिज कराना बेहद जरुरी है. क्योकि दाखिल खारिज कराने से यह सुनिश्चित और सुरक्षित हो जाता है कि मकान का मालिकाना हक केवल उस व्यक्ति के पास है जिसका नाम दस्तावेजों में दर्ज है.
दाखिल ख़ारिज के बाद उस मकान पर सिर्फ उस व्यक्ति का हक़ होता है जिसका नाम दस्तावेज में होता है. इससे भविष्य में चल कर किसी भी तरह के विवाद की संभावना नही रहती है.
मकान का दाखिल खारिज कराने के लिए कौन से दस्तावेज चाहिए
मकान का दाखिल खारिज कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज की जरूरत पड़ी है. जो इस प्रकार है:
- खरीद-बिक्री का दस्तावेज
- मकान का नक्शा
- मकान का अभिलेखीय विवरण
- खरीदार का पहचान पत्र
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
- खरीदार का पता प्रमाण
मकान का दाखिल खारिज कैसे होता है
मकान का दाखिल ख़ारिज कराने के लिए निचे दिए गए प्रकिया को फॉलो करे.
- मकान का दाखिल खारिज करने के लिए सबसे पहले अपने जिला के रजिस्ट्री कार्यालय में जाए.
- खरीदार एक आवेदन पत्र लिखे जिसमे निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिए.
- खरीदार का नाम और पता
- मकान का पता
- मकान का रकबा
- मकान की खरीद-बिक्री का दस्तावेज
- इसके बाद आवेदन पत्र के साथ सभी आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करे.
- अब आवेदन पत्र को संबंधित कार्यालय में जमा करे.
- कार्यालय द्वारा आवेदन पत्र की जांच की जाएगी.
- आवेदन पत्र जांच करने के बाद सभी प्रकिया सही है तो, दाखिल खारिज मकान का दाखिल कारिज कर दिया जाएगा.
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अक्सर पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न: FAQs
घर का दाखिल ख़ारिज करने के लिए रजिस्ट्री कार्यालय में एक आवेदन पत्र देना होता है. आवेदन पत्र की जाँच किया जाएगा. यदि आवेदन पत्र सही पाया जाता है तो आपके मकान का रजिस्ट्री कर दिया जाएगा.
दाखिल-खारिज नहीं होने पर उस जगह पर कोई विवाद चल रहा होगा. और यदि उस जमीन का दाखिल ख़ारिज नही होता है तो उस जमीन का वही व्यक्ति रहता है. जिसका पहले से उस संपत्ति पर नाम होता है.
किसी भी जमीन के दाखिल ख़ारिज रजिस्ट्री के 90 दिन बाद होता है. क्योकि उस संपत्ति पर किसी प्रकार का विवाद होगा तो उस रजिस्ट्री को रद्द किया जा सकता है. इसलिए दाखिल कह्रिज 90 दिन बाद होता है.
जब दो व्यक्ति के बिच किसी संपत्ति का हस्तांतरण होता है उस दाखिल ख़ारिज कहा जाता है. यह प्रकिया रजिस्ट्री कार्यालय में किस नोटरी या वकील के द्वारा किया जाता है.