भारत सरकार द्वारा दाखिल खारिज के सन्दर्भ में समय-समय पर नियमों बदलाव किया जाता है. ताकि इससे जुड़ी कमियों को ठीक किया जा सके. कई बार देखा गया है कि एक ही प्रॉपर्टी को मालिक द्वारा कई बार बेचा गया है. इस समस्या से निपटने के लिए दाखिल खारिज कराया जाता है. हालांकि, दाखिल खारिज कराने में फ़ीस भी लगता है. लेकिन, यह शुल्क पूरी तरह जमीन / प्रॉपर्टी के महत्व पर निर्भर करता है.
विश्वसनीय स्रोत से अचल संपत्ति खरीदने के बाद दाखिल खारिज कराने की सलाह दी जाती है. क्योंकि, इसे कराने से पहले वाले व्यक्ति का नाम हटाकर आपका नाम डाला जाता है. इस प्रक्रिया में यानि दाखिल खारिज कराने में 200 से 2,500 रूपये तक की फीस लगती है. वही यदि प्रॉपर्टी दान, या चैरिटी आदि में दिया जाता है, तो दाखिल खारिज कराने में कोई फीस नही लगता है.
दाखिल खारिज कराने में कितना फीस लगता है
प्रत्येक राज्य में दाखिल का फीस राजस्व विभाग द्वारा निर्धारित किए जाते है. हालांकि, यह फीस जमीन की महत्व भी निर्भर करता है. लेकिन दाखिल खारिज का सामान्य फीस 200 से 2500 रूपये तक हो सकता है.
Note: दखिल खारिज की फीस दो मापदंडो पर निर्भर है, जो इस प्रकार है.
- यदि किसी प्रॉपर्टी या जमीन को चैरिटी या एनजीओ में दान कर रहे हैं, तो कोई फीस नहीं लगती है. और यदि आप पिछड़े वर्ग, अनुसुचित जनजाति या वकार से हैं तो भी फीस नहीं लगती है.
- यदि कोई प्रॉपर्टी/जमीन खरीदते है, तो दाखिल खारिज कराने में फीस 200 रूपये से 2,500 रूपये तक लग सकते है.
दाखिल खारिज की फीस UP में कितना है?
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद द्वारा संपत्तियों के दाखिल खारिज शुल्क यानि की म्यूटेशन फीस में भारी कमी कर दी गई है. म्यूटेशन फीस यानि दाखिल खारिज की फीस लगभग 97.5 फीसद प्रतिशत तक कम कर दिया गया है.
इस नए नियम से गरीबों और मध्यम वर्ग के भवन स्वामियों के मकानों का दाखिल खारिज सिर्फ 200 से 500 रुपए के बिच ही हो जाएगा.
पहले यूपी में दाखिल खारिज कराने में 5,000 रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक देने पड़ते थे. लेकिन नए नियम लागू होने से सिर्फ 200 रुपए से अधिकतम 2,500 तक ही दाखिल खारिज शुल्क देना होगा.
दाखिल खारिज की फीस Uttarakhand में कितना है?
नए नियम के अनुसार उत्तराखंड में किसी भी जमीन/प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज कराने में लगभग 200 से 700 रूपये फीस लगता है. लेकिन पुराने नियम के अनुसार यही फीस 2,000 से 5,000 हजार रूपये तक था.
ध्यान दे, उत्तरखंड में जमीन एवं जगह के महत्व के अनुसार भी दाखिल खारिज की फीस लगता है. जैसे जबकि, नगर निगम का दाखिल खारिज फ़ीस 500 से 700 रुपये तक लगता है.
दाखिल खारिज की फीस बिहार
बिहार में भूमि से सम्बंधित मामलों के लिए फीस पहले से ही निर्धारित की गयी है. जैसे;
- सर्किल अफसर के द्वारा दाखिल ख़ारिज बिहार की फीस 20 रूपये लेकर खाता पुस्तिका देने का प्रावधान है. यह फीस भूमि धारक को अंचल कार्यालय में जमा करनी पड़ती है.
- यदि भूमि से जुड़ा कोई निपटारा कोर्ट में चल रहा है, तो दाखिल ख़ारिज की फीस की जगह 5 रूपये का स्टाम्प वहां लगता है.
- ध्यान दे, बिहार में दाखिल खारिज कराने में सामान्य फ़ीस 20 से 500 रूपये तक लगता है.
इसी प्रकार भारत के प्रत्येक राज्य का दाखिल खारिज की फीस उनके अधिकारिक वेबसाइट से भी चेक कर सकते है. इस फीस में समय-समय पर बदलाव भी किया जाता है. इसलिए, अपने राज्य से सम्बंधित वेबसाइट से इसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है.
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दाखिल खारिज की फीस सम्बंधित प्रश्न: FAQs
जमीन/प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज कराने में 200 रूपये से 2,500 रूपये तक का खर्च आता है. वही यदि प्रॉपर्टी दान में दिया जा रहा है, तो कोई खर्च नही आएगा.
दखिल खारिज कराने में निम्न दस्तावेज लगते है.
• जमीन का फूल दस्तावेज
• मोबाइल नंबर (बेचने वाले का)
• आधार कार्ड (खरीदने वाले का )
• जमीन का पुराण रसीद (बेचने वाले का )
पहले उपरोक्त दस्तावेज अपने पास एकत्र कर ले इसके बाद दाखिल खारिज कराने जाए.
जमीन का दाखिल खारिज कराने में 200 रूपये से 2,500 रूपये लगेगा. यदि आप पिछड़े वर्ग, अनुसुचित जनजाति या वकार से हैं, तो दाखिल खारिज कराने में कोई फीस नही लगेगा.
दाखिल खारिज नही होने पर जमीन के मालिकाना हक पर प्रश्न उठने लगता है. अर्थात, दूसरा व्यक्ति उस जमीन पर क्लेम कर जमीन को विवादित बना सकता है. इसलिए, नियमित समय के अनुसार दाखिल खारिज कराना चाहिए.