यदि आपके दादा या परदादा की अर्जित की गई जमीन है, जिनकी मृत्यु हो जाने के बाद आपस में बटवारा करना चाहते है, इसके लिए विशेष नियम एवं प्रावधान बनाए गए है, जिसके मदद से बटवारा कर सकते है. लेकिन जब जमीन की संख्या अधिक होती है और एक से अधिक भाई है, तो इसका बंटवारा करना काफी मुश्किल हो जाता है. क्योंकि, भाइयों में झगड़ा होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए, जमीन बटवारा नियम का सहारा लेना अनिवार्य हो जाता है.
इस पोस्ट में जमीन बटवारा के नियम क्या है और पुश्तैनी जमीन का बंटवारा कैसे करें. इससे संबधित सभी जानकारी उपलब्ध किया है, जिसके मदद से पुश्तैनी जमीन का बंटवारा आसानी से कर सकते है.
पुश्तैनी जमीन क्या होता है
पुश्तैनी जमीन वह संपत्ति है जो दादा परदादा द्वारा अर्जित की गई संपति होती है. वह संपत्ति पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार में बटवारा के माध्यम से चलती आ रही है. इसके बाद संपत्ति को परिवार के मुखिया द्वारा अर्जित की जाती है और फिर उस संपत्ति को उनके वंशजों यानि उनके बेटे को बराबर बराबर हिस्सों में दी जाती है.
यदि कोई व्यक्ति अपनी पुश्तैनी संपत्ति को आपके नाम रजिस्टर कर दिया है. तो अपने पुश्तैनी या पैतृक सम्पति में दावा कर सकते है.
जमीन बंटवारा के नियम
यदि किसी व्यक्ति के पुश्तैनी जमीन है, और उनके दो या दो से अधिक पुत्र हैं, तो जमीन बंटवारे के वक्त उन सभी की सहमति होनी चाहिए. और जमीन बंटवारे के समय सभी का वहां पर उपलब्ध होना भी जरूरी है.
अगर किसी व्यक्ति के तीन पुत्र हैं और तीनों पुत्रों की आपस में सहमति नहीं है, यानी दो पुत्रों की सहमती है और एक पुत्र जमीन बंटवारे से सहमत नहीं है, तो क़ानूनी प्रकिया द्वारा रजिस्ट्री बंटवारा कर सकते है.
पुश्तैनी जमीन का बंटवारा कैसे करें
पुश्तैनी जमीन का बंटवारा करने के लिए निचे दिए गए एक एक पॉइंट्स को फोलो कर आप में जमीन का बटवारा कर सकते है.
- अपने परिवार के सभी सदस्यों के बीच एक समझौता करें. समझौता उनके बिच होना चाहिए जिनमें जमीन के लिए विवाद है. और जमीन के बंटवारे के लिए एक दस्तावेज तैयार करे, जो सभी भाइयो और परिवारों के बीच सहमति दर्शाता हों.
- जमीन का बंटवारा करने से पहले जमीन का मापन करे और सुनिश्चित करे कि जमीन के विभिन्न हिस्सों में बराबर हो, अन्यथा जमीन मापने के लिए एक तहसीलदार या अमिन को बुला सकते है.
- इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों के बीच जमीन के विभिन्न हिस्सों के लिए फैसला लिया जाए. और फैसला लेने से पहले इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि फैसला सभी पार्टीयोंसदस्यों के सहमति से लिया जाए.
- यदि फैसला लेने में समझौता करने में परेशानी हो रही है. जिससे कोई व्यक्ति उस फैसला को नही मान रहा है. तो कोर्ट से मदद ले सकते है.
- इसके बाद कोट द्वारा पुश्तैनी संपत्ति को क़ानूनी प्रकिया के माध्यम से उनके मालिकों के नाम पर जमीन परिवार के सभी सदस्यों के बिच बराबर बराबर हिस्सों में बाट दिया जाता है, और उनके सभी दस्तावेज उस हिस्से के नाम पर तैयार किए जाते हैं.
पुश्तैनी जमीन की बटवारा से संबंधित महत्वपूर्ण बातें
आज के समय में पुश्तैनी जमीन की बटवारा को लेकर वाद विवाद होते रहते हैं, इसलिए इसके लिए निचे कुछ महत्वपूर्ण बाते दिया गया है. जिस पर ध्यान दे.
- पुश्तैनी जमीन में हिस्से का अधिकार आपको जन्म के साथ प्राप्त हो जाता है.
- पुश्तैनी ज़मीन को बेचने के दौरान उसमें केवल बेटों का ही नहीं बल्कि बेटियों का भी अधिकार होता है.
- यदि पुश्तैनी ज़मीन को घर का कोई सदस्य बेचता है, तो उसमे सभी हिस्सेदारों की राय लेनी पड़ेगी. उनकी बिना सहमति के ज़मीन नही बेच सकते है.
- पुश्तैनी ज़मीन पर सभी हिस्सेदार का अधिकार होता है.
अक्सर पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न: FAQs
पुश्तैनी जमीन की रजिस्ट्री के लिए बंटवारा करना होगा. क्योकि पुश्तैनी जमीन को बेचने से पहले पारिवारिक बंटवारा करना होगा, जमीन की दाखिल-खारिज करानी पड़ेगी. दाखिल-खारिज रसीद पर बेचने वाली जमीन का नया और पुराना खाता, खेसरा नंबर बनाना होगा. इसके बाद जमीं की रजिस्टी होगी.
पैतृक संपत्ति को क्या बंटवारे के बाद नही बेची जा सकती है. क्योकि पैतृक संपत्ति चार पीढ़ियों की होती है. जिससे बेचने के लिए सभी हिस्सेदार को सामिल होना होगा. इसके बाद जमीन को बेचीं जा सकती है.
जब एक भाई या बहन संपत्ति के बटवारा के लिए तैयार नही है, तो अपने हिस्से का दावा करते हुए सिविल कोर्ट में बंटवारे का मुकदमा दायर कर सकते हैं. इसके बाद आपके संपत्ति का बटवारा का हिस्सा प्राप्त हो जएगा.
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