जाने मकान रजिस्ट्री के नियम मध्यप्रदेश क्या है: इस नियम के अनुसार कराए मकान की रजिस्ट्री

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किसी भी खेत, जमीन, प्लॉट, मकान, घर आदि को खरीदने या बेचने के लिए एक क़ानूनी प्रक्रिया है, जिसका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है. लेकिन मकान खरीदते समय लोग कुछ नियमों का अनदेखा करते है, जिससे उन्हें आगे चलकर बहुत परेशान होना पड़ता है. हालांकि मध्य प्रदेश सरकार ने रजिस्ट्री नियम में कुछ बदलाव भी किया है, जिसके बारे में जानना आवश्यक है.

आज के इस पोस्ट में मध्य प्रदेश में मकान रजिस्ट्री के नियम के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से जानेंगे, ताकि रजिस्ट्री के बाद आपके साथ कोई प्रॉब्लम ना हो.

मकान रजिस्ट्री के नियम मध्यप्रदेश

यदि किसी भी राज्य में मकान खरीद रहे है, तो उस मकान या जमीन का रजिस्ट्री करना होता है, जो लगभग सभी राज्य में रजिस्ट्री का नियम सामान ही होता है.

  • मकान की रजिस्ट्री कराते समय मकान बेचने वाले व्यक्ति के दोनों हाथो के उँगलियों के निशान रजिस्ट्री ऑफिस में लगता है.
  • बेचे जाने वाले मकान के जमीन का नक्शा होना आवश्यक है. यदि उस मकान का नक्शा नही है, तो मकान की रजिस्ट्री नही हो सकती है.
  • मकान खरीदने और बेचने वाले दोनों व्यक्तियों का फोटो ऑनलाइन तहसील में अपलोड होने के बाद ही मकान रजिस्ट्री की प्रकिया शुरू होता है. इसलिए मकान रजिस्ट्री कराते समय अपना फोटो अवश्य लेकर जाए.
  • यदि पावर ऑफ अटॉर्नी है, तो जमीन रजिस्ट्री के नए नियम के अनुसार उसके साथ आवासीय प्रमाण पत्र लगाना आवश्यक है, इसके बिना मकान रजिस्ट्री नही की जा सकती है.
  • मकान बेचने वाले व्यक्ति द्वारा जमा किए गए दस्तावेज में पूरा नाम, पिता का नाम, उम्र पता आदि की जानकारी सामिल होना चाहिए.
  • जिस भी व्यक्ति से मकान ख़रीदे है उसके द्वारा दिए गए डॉक्यूमेंट और मकान की जाँच अवश्य करे. क्योकि, इससे यह पता चलता है कि वह मकान या व्यक्ति फर्जी तो नही है.
  • ध्यान दे, मध्य प्रदेश में रजिस्ट्री दर 10.5% हो गया है, जिसमे 7.5% स्टाम्प ड्यूटी और 3% पंजीकरण शुल्क शामिल है.

मकान रजिस्ट्री कराने से पहले महत्वपूर्ण बातें

  • मकान रजिस्ट्री कराने से पहले मकान की जाँच करे. कही माकन दुबारा तो नही बेच जा रहा है.
  • उस मकान के दस्तावेज की जाँच करे कि उस मकान का मालिकाना हक़ उस व्यक्ति के पास है या नही.
  • मकान का उस व्यक्ति के नाम पर है या किस अन्य व्यक्ति नाम पर है यह पावर ऑफ अटॉर्नी में चेक कर सकते है.
  • इसके अलावे, उस जमीन पर रहने की अनुमति सरकार द्वारा है या नहीं, इसे भी चेक करे.

मकान रजिस्ट्री कराने के लिए महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट

  • बेचने और खरीदने वाले व्यक्ति का पहचान पत्र
    • आधार कार्ड,
    • पैन कार्ड,
    • वोटर आईडी
    • निवास प्रमाण पत्र
  • मूल बिक्री विलेख
  • मकान के जमीन का नक्शा
  • मकान का कर भुगतान रसीद
  • मकान संपत्ति का मूल्यांकन प्रमाण पत्र
  • विक्रेता और खरीदार के बैंक अकाउंट का विवरण
  • स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क के लिए भुगतान रसीद

मध्यप्रदेश में मकान रजिस्ट्री कैसे कराए

  • मकान की रजिस्ट्री कराने से पहले सभी दस्तावेजों को एकत्र करें.
  • सभी डॉक्यूमेंट को लेकर अपने नजदीकी रजिस्ट्री कार्यालय में जाएं.
  • इसके बाद कर्मचारी से बिक्री विलेख फॉर्म प्राप्त करे.
  • फॉर्म में दी गई सभी जानकारी को भरें.
  • फॉर्म के साथ मांगे गए सभी दस्तावेजों को जमा करें.
  • इसके बाद स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करें.
  • उप-पंजीयक द्वारा दस्तावेजों का जाँच किया जाएगा.
  • इसके बाद बिक्रेता और क्रेता का हस्ताक्षर और साथ में दो गवाहों का भी हस्ताक्षर कराया जाता हैं.
  • इसके बाद रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
  • उसके बाद क्रेता को उस माकन या जमीन का एक दस्तावेज़ प्रदान किया जाता है.

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQs

Q. मध्य प्रदेश में रजिस्ट्री शुल्क कितना है?

मध्य प्रदेश में रजिस्ट्री शुल्क राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है. जिसके अनुसार प्रॉपर्टी के सरकारी रेट के अनुसार स्टांप ड्यूटी 7.5% और रजिस्ट्री शुल्क 3% लगता है.

Q. मकान की रजिस्ट्री कैसे की जाती है?

मकान की रजिस्ट्री खरीददार और विक्रेता को आपसी सहमति से एक बैनामा पत्र तैयार किया जाता है. इसके बाद बैनामा के आधार पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाता है. जिस जमीन या माकन की रजिस्ट्री की जा रही है, उसके दस्तावेज और क्रेता-विक्रेता के फोटो आदि लगता है.

Q. जमीन रजिस्ट्री के कितने दिन बाद दाखिल खारिज होता है MP?

भारत सरकार के राजस्व संहिता के अनुसार जमीन की रजिस्ट्री या बैनामा हो जानें के बाद 45 दिनों में दाखिल खारिज होता है.

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