आबादी की जमीन एक प्रकार की खाली यानि सरकारी जमीन है, जो सभी गाँवो और शहरो में होती है. जिसका मालिकाना अधिकार सरकार के पास होता ह. लेकिन वैसे जमीन का उपयोग गाव के लोगो एवं प्रशासन के लिए होता है, लेकिन कभी ऐसा भी होता है की गरीब एवं भूमिहीन परिवार को ग्राम पंचायत द्वारा एक निश्चित समय के लिए आबादी की जमीन को पट्टे के रूप में दिया जाता है.
जिसके कारण वह लोग उस जमीन को अपने कब्जे में रखते है. कुछ दिन बाद ऐसा भी होता है कि आबादी की जमीन को बेचने का निर्णय बना लेते है, तो क्या आबादी की जमीन बेचीं जा सकती है. आबादी की जमीन बेचने पर क्या हो सकता है, इसकी जानकारी इस पोस्ट में दिया गया है.
आबादी की जमीन क्या होता है
आबादी की जमीन सरकारी जमीन होती है. जो किसी भी व्यक्ति या किसी संस्था की नही होती है. वह जमीन पूरी तरह से खाली यानि सरकारी जमीन होती है, ऐसे जमीन को आबादी के जमीन कहा जाता है. जो देश में बहुत से ऐसे जमीन है.
जिसपर सरकार का मालिकाना अधिकार है. एसे जमीन का उपयोग सरकारी कार्यो या गांव के निवासियों के उपयोग के लिए होता है. या जिसे पास जमीन नही है. एसे गरीब परिवार को सरकार आबादी की जमीन को पट्टा के रूप में भी प्रदान करता है.
क्या आबादी की जमीन बेची जा सकती है
आबादी की जमीन सरकारी जमीन होती है, जिस पर किसी व्यक्ति या संस्था का अधिकार नही होता है, और न ही किसी के नाम पर रजिस्ट्री होता है. आबादी की जमीन पर केवल सरकार का अधिकार होता है, जिसे बेचा नही जा सकता है.
आबादी की जमीन सभी शहरो एवं गावो में होता है. जिसका उपयोग ग्राम समाज द्वारा ग्रामीणों को आवासीय उद्देश्यों के लिए एवं सार्वजनिक कार्यो के लिए उपयोग किया जाता है. जैसे सार्वजनिक पार्क, स्कूल, अस्पताल, आदि.
आबादी की जमीन बेचने पर क्या हो सकता है
- आबादी की जमीन बेचना गैरकानूनी माना जाता है और इसके कई परिणाम हैं. जो इस प्रकार है:
- आबादी की जमीन बेचना एक दंडनीय अपराध है, जिसके लिए जेल की सजा हो सकती है.
- यदि आप आबादी की जमीन बेचते हुए पकड़ा जाता है, तो आपको सरकारी अधिकारियों द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है. जुर्माने की राशि राज्य कानून के गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकता है.
- आबादी की जमीन बेचना गैरकानूनी है, जिससे आप पर धोखाधड़ी का मुकदमा कर सकते हो सकता है.
- आबादी की जमीन से संबंधित कानून राज्य के अनुसार भिन्न होते हैं.
आबादी की जमीन पर किसका अधिकार होता है
- आबादी की जमीन पर सरकार का अधिकार होता है.
- सरकार द्वारा पट्टाधारक को आबादी की जमीन का उपयोग करने और उस पर रहने का अधिकार दिया जाता है. लेकिन वह व्यक्ति आबादी जमीन मालिक नहीं होते हैं
- आबादी की जमीन क्षेत्र के मुखिया के देख रेख होता है.
- आबादी की जमीन को उपयोग सार्वजनिक कार्य या सरकारी कार्य के लिए होता है.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQs
आबादी की जमीन का मालिक सरकार होती है. क्योकि वह जमीं किस व्यक्ति के नाम रजिस्ट्री नही हती है, इसलिए सरकार आबादी की जमीन का उपयोग सार्वजनिक कार्यो के लिए उयोग किया जाता है. जैसे सार्वजनिक पार्क, स्कूल, अस्पताल, आदि.
ऐसा जमीन जो किसी व्यक्ति, समूह संगठन का नही होता है. उसे आबादी की जमीन कहते है. वैसे जमीन का उपयोग गावं के सार्जनिक कार्य या गरीब भूमिहीन परिवारों को डरकर के द्वारा पट्टे के रुप मे प्रदान किया जाता है.
आबादी की जमीन पर घर बनाने के लिए सरकार द्वारा पट्टे प्राप्त करना होता है. इसेक पश्चात शर्त के अनुसार उस जमीन पर घर या व्यवसाय बना सकते है.
आबादी की जमीन को अपने नाम करने के लिए ग्राम पंचायत में आवेदन देना होता है. इसेक बाद आबादी की जमीन को आपके नाम करने के लिए पट्टा तैयार किया जाता है. जिसके बाद आबादी की जमीन आपके नाम किया जाता है. लेकी इसके कुछ शर्त एवं नियम भी है. जिसे पूरा करना होता है.
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