क्या पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री हो सकती है: जाने नियम एवं तरीका

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पट्टे की जमीन एक ऐसा जमीन है, जिस पर किसी व्यक्ति का अधिकार नही होता है. यानि उस जमीन का कोई मालिक नही होता है. पट्टे के जमीन एक प्रकार के सरकारी जमीन होती है. जिस पर सरकार का अधिकार होता है. यदि आपके गाँव या शहर में पट्टा की जमीन है. और उस जमीन को रजिस्ट्री करना चाहते है तो करा सकते है.

लेकिन अधिकांस लोगो को यह जानकारी नही है कि पट्टे की जमीन क्या है और पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री कैसे कराए. इसलिए इस आर्टिकल में पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री कराने के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध है, जो इसके नियम एवं प्रोसेस के बारे जानकारी प्रदान करेगा.

क्या पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री हो सकती है?

हां, पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री हो सकती है. पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज एवं शर्तो की आवश्यकता होती है. ध्यान दे, राज्यों के अनुसार पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया अलग-अलग होता है, जिसकी पूरी जानकारी निचे बताया है. अर्थात, आवश्यक डाक्यूमेंट्स के साथ उचित प्रक्रिया को फॉलो करना अनिवार्य है.

रजिस्ट्री के लिए निम्न तथ्यों पर आवश्यक ध्यान दे:

  • आवश्यक दस्तावेज
  • रजिस्ट्री की प्रक्रिया
  • रजिस्ट्री के लाभ एवं नुकसान
  • पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री से पहले सावधानी

पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज

पट्टे की जमीन के रजिस्ट्री के लिए निम्नलखित दस्तावेजो की आवश्यकता होती है. जो इस प्रकार है:

  • आवेदन पत्र
  • पट्टेदार का पहचान प्रमाण
    • आधार कार्ड
    • मतदाता पत्र
  • पता प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • रजिस्ट्री शुल्क का रसीद
  • दो गवाहों के हस्ताक्षर

पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है

पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए निचे दिए गए प्रकिया को फॉलो करे.

  • जिस व्यक्ति को पट्टे की रजिस्ट्री करनी वो सबसे पहले तहसीलदार या उप-तहसीलदार के कार्यालय में एक आवेदन देना होगा.
  • आवेदन में खरीदार का नाम, पता, पहचान प्रमाण, और निवास प्रमाण की जानकारी शामिल होना चाहिए.
  • आवेदन पत्र में पट्टा दस्तावेज़ की एक फोटोकॉपी संलग्न करे.
  • इसके बाद आवेदन पत्र को अपने तहसील में तहसीलदार के पास जमा करे
  • तहसीलदार आपके आवेदन पत्र की जांच करेगा.
  • यदि आवेदन पत्र सही पाया जाता है, तो तहसीलदार पट्टेदार का नाम जमीन के मालिकाना हक दस्तावेज़ में दर्ज करेगा.
  • इसके बाद रजिस्ट्री शुल्क और अन्य लागत शुल्को का भुगतान करने के लिए खरीदार को निर्देश दिया जाएगा.
  • जिस व्यक्ति ने पट्टे की रजिस्ट्री करा रही होगी उस व्यक्ति ने रजिस्ट्री शुल्क और अन्य लागतों का भुगतान करेगा.
  • इसके बाद तहसीलदार पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री की एक दस्तावेज खरीदार को प्रदान करेगा.

पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री के नियम

पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री के नियम अलग अलग राज्यों में अलग अलग हो होते है. लेकिन कुछ सामान्य नियम हैं जो सभी राज्यों के लिए लागु किया जाता है. जो इस पारकर है:

  • पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री के लिए राजस्व कार्यालय में आवेदन करना होता है.
  • पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करना होता है.
  • राजस्व कार्यालय द्वारा आवेदन पत्र की जाँच किया जाता है.
  • पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री शुल्क और अन्य लागतों का भुगतान करना होता है.
  • इसके बाद राजस्व कार्यालय पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री करता है.

पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री के फायदे और नुकसान

  • पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री करने से पट्टेदार को उस जमीन का अधिकार प्राप्त होता है.
  • पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री कराने से पट्टेदार को जमीन के दुरुपयोग से बचाव मिलता है.
  • पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री करने से पट्टेदार को रजिस्ट्री के राशि का भुगतान करना होता है.
  • पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री करने से पट्टेदार को क़ानूनी नियमो का पालन करना होता है.

इससे भी पढ़े.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQs

Q. क्या पट्टे की जमीन को बेचा जा सकता है?

पट्टे वाले जमीन पर सरकार का अधिकार होता है. पट्टेदार पट्टे की जमीन को कभी नही बेच सकता है. और ना ही उस जमीन को किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर ट्रान्सफर कर सकता है.

Q. क्या Patta की रजिस्ट्री हो सकती है?

पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री करा सकते है. लेकिन इसके लिए क़ानूनी नियमो का पालन करना होगा. और पट्टे की जमीन की एक निश्चित समय अवधि होती है.

Q. पट्टे की जमीन कितने साल का होता है?

पट्टे का जमीन अधिकतम 99 साल के लिए दिया जाता है. जिसमे कई तरह के नियम कानून और सर्ते होते है. जिसे फॉलो करना होता है.

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