सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए कौन सी धारा लगती है

यदि आपके गाँव या शहर में सरकारी जमीन है और आप उस जमीन पर कब्जा करना चाहते है. तो इसके लिए आपको क़ानूनी नियमो का पालन करना होगा. क्योकि सरकारी जमीन पर किसी का अधिकार नही होता है. उस जमीन पर सरकार का अधिकार होता है. इसलिए ऐसे जमीन को सरकार समय-समय पर खाली कराती रहती है.

लेकिन आप उस जमीन पर कब्जा करना चाहते है तो इसे लिए सरकार कई एसे क़ानूनी प्रकिया प्रदान की है. जिसके माध्यम से सरकारी जमीन पर कब्जा कर सकते है. लेकिन बहुत एसे लोग है जिन्हें इसके बारे में जानकारी नही है. और वह गलत तरीके से सरकारी जमीन पर कब्जा कर लेते है. जिसके कारण उस व्यक्ति पर सरकार क़ानूनी करवाई करती है.

इसलिए इस आर्टिकल में सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए कौन सी धारा लगती है. इसके बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध किया गया है.

सरकारी जमीन क्या होती है

सरकारी जमीन वह जमीन होती है जिसका अधिकार भारत सरकार या राज्य सरकार के पास होता है. सरकारी जमीन आमतौर पर सार्वजनिक उपयोग के लिए होती है, जैसे कि सड़कें, रेलवे, हवाई अड्डों, पार्क, खेल के मैदान, स्कूल, अस्पताल, आदि. के उपयोग के लिए होता है. सरकारी जमीन का उपयोग निजी उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है.

लेकिन सरकारी जमीन पर कब्जा करना गैरकानूनी कार्य है. जो कोई व्यक्ति बिना किसी वैध अधिकार के किसी राजस्व भूमि पर कब्जा करता है. तो उसे जुमाना या तिन साल का जेल हो सकता है.

सरकारी जमीन पर कब्जा करने पर कौन सी धारा लगती है


यदि किसी व्यक्ति ने सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 447 लगती है, इस धारा के अनुसार, “जो कोई किसी सरकारी भूमि या भवनों पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा कर लेता है, तो उस पर सरकार कनिनी करवाई करती है.

इसके अलावा, भारतीय राजस्व अधिनियम के अनुसार 1873 की धारा 91 के तहत सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. इसलिए जो कोई व्यक्ति बिना किसी वैध अधिकार के किसी सरकारी जमीन पर कब्जा करता है, तो उस पर पटवारी धारा 91 के तरह केस दर्ज करता है. और उसे दोषी ठहराया जाता है.

इस धारा के अनुसार, सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए दोषी व्यक्ति को तीन साल तक की जेल या जुर्माना दोनों हो सकता है.

सरकारी जमीन पर कब्जा करने की सजा क्या होती है

सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ धारा 91 के तरह केस दर्ज किया जाता है. और उस व्यक्ति के खिलाफ क़ानूनी नियमो के अनुसार साजा सुनाई जाती है. इसकी सुनवाई तहसीलदार, नायब तहसीलदार करते हैं.

इसके अलावा सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकती है. यदि कब्जा बलपूर्वक या धमकी के द्वारा किया गया है, तो सजा अधिक कड़ी हो सकती है. और दोषी व्यक्ति को सरकारी जमीन से बेदखल भी किया जा सकता है.

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अक्सर पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न: FAQs

Q. सरकारी जमीन पर कब्जा करने की शिकायत कहाँ करे?

यदि आपके सरकारी जमीन किसी व्यक्ति ने अवैध कब्जा कर लिया हैं, तो भारतीय कानून के अनुसार विभिन्न नियमो के तहत राहत की मांग कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले आपको शहर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के पास एक लिखित शिकायत दर्ज करे.

Q. सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए कौन सी धारा लगती है?

सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए भारतीय दंड संहिता के अनुसार (IPC) की धारा 447 और भारतीय राजस्व अधिनियम के अनुसार 1873 की धारा 91 लगती है. जिसमे दोषी व्यक्ति को तीन साल तक की जेल या जुर्माना दोनों हो सकता है.

Q. क्या सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए कोई जमानत मिल सकती है?

सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्ति को जमानत मिल सकती है. लेकिन, जमानत मिलने की संभावना तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर निर्भर करती है.

Q. सरकारी जमीन पर कब्जा करने के मामले में पुलिस क्या कार्रवाई कर सकती है?

सरकारी जमीन पर कब्जा करने पर पुलिस को शिकायत मिलने पर जांच करेगी. जांच के बाद यदि पुलिस को लगता है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा है, तो वह संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करा सकती है.

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