हाँ, पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री हो सकती है. क्योंकि, पावर ऑफ अटॉर्नी भारत का एक क़ानूनी प्रकिया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपनी प्रॉपर्टी को मैनेज करने के लिए पॉवर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग करता है. पावर ऑफ अटॉर्नी के मदद से अपने प्रॉपर्टी को किसी दुसरे व्यक्ति को बेचने लिए अधिकार दे सकते है. जिससे वह व्यक्ति आपके जगह अदालत में जाने, खरीदारों से बातचीत करने आदि जैसे कार्य को कर सकते है.
लेकिन कुछ ऐसे लोग है जिन्हें पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है और इसके द्वारा कौन कौन से कार्य किया जा सकता है के बारे जानकारी नही है. इसलिए इस पोस्ट में पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री हो सकती है या नही, के बारे पूरी जानकारी उपलब्ध किया गया है. जिसे पढ़ कर यह जानकारी प्राप्त कर सकते है कि पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री होती है या नही.
पावर ऑफ अटॉर्नी क्या होती है
पावर ऑफ अटॉर्नी एक दस्तावेज है, जिसके माध्यम से एक व्यक्ति अपने प्रॉपर्टी का अधिकार दुसरे व्यक्ति को देता है. इस अधिकार के माध्यम से वह व्यक्ति प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कर सकता है, तथा संपत्ति से सम्बंधित कोर्ट भी जा सकता है.
लेकिन इसका उपयोग तभी कर सकते है जब वह व्यक्ति बहुत ज्यादा बीमार हो या बुढा अवस्था से जूझ रहा हो. उस समय पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी का उपयोग कर सकते है. और इसका उपयोग वही व्यक्ति कर सकता है जिस व्यक्ति के नाम पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी पंजीकरण किया जाता है.
पावर ऑफ अटॉर्नी कितने प्रकार की होती है
पावर ऑफ अटॉर्नी मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है. जिसमे अलग अलग अधिकार प्राप्त होता है.
- विशेष पावर ऑफ अटॉर्नी, Special Power of Attorney
- साधारण पावर ऑफ अटॉर्नी, General Power of Attorney
Special Power of Attorney: स्पेशल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी में गारंटर अपने एजेंट को सभी अधिकार नही देता है. स्पेशल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी में जो जरुरी कार्य होता है उसे ही अदिकृत करने का अधिकार देता है. जैसे: प्रॉपर्टी को बेचने या मुकदमेबाजी के दौरान अदालत में जाने आदि के लिए अधिकार देता है. वह कार्य होने के बाद स्पेशल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी एक्सपायर हो जाता है.
General Power of Attorney: जेनरल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी में जिस व्यक्ति को एजेंट बनया जाता है. उसके पास बहुत ज्यादा अधिकार होता है. जिससे वह व्यक्ति सभी प्रकार के कार्यों को कर सकता है. जैसे: प्रॉपर्टी खरीद या बेच सकता है, बैंक से पैसा निकाल सकता है, टैक्स भर सकता है, इन्वेस्टमेंट कर सकता है, अदालत में चल रहे मुकदमेबाजी में जाने आदि का अधिकार होता है.
पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री हो सकती है क्या
हाँ, यदि गारंटर अपने एजेंट को सभी अधिकार दिया है तो पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री हो सकती है. क्योकि पावर ऑफ अटॉर्नी एक कानूनी दस्तावेज है. जिसमें एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को अपनी संपत्ति से संबंधित कार्य करने का अधिकार देता है. इस अधिकार में संपत्ति की खरीद-बिक्री, किराए पर देना, संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना आदि सभी कार्य को कर सकता है.
भारतीय कानून के अनुसार संपत्ति को पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर रजिस्ट्री की गई संपत्ति का मालिकाना हक़ प्रिंसिपल के पास ही रहता है. रजिस्ट्री के बाद, एजेंट उस संपत्ति का मालिक नहीं बन जाता है. वह केवल प्रिंसिपल की ओर से संपत्ति के संबंध में कार्य करने का अधिकार रखता है.
पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री कैसे करे
पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री करने के लिए निचे दिए गए निम्नलिखित प्रक्रिया को फॉलो करें.
- एक पंजीकृत पावर ऑफ अटॉर्नी को वकील या नोटरी द्वारा तैयार करवाएं. और पावर ऑफ अटॉर्नी में संपत्ति की खरीद-बिक्री का अधिकार स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए.
- इसके बाद रजिस्ट्री कार्यालय में पावर ऑफ अटॉर्नी की पंजीकृत फोटोकॉपी प्रस्तुत करें.
- अब एक सेल डीड एक वकील या नोटरी द्वारा तैयार करवाएं. सेल डीड में प्रिंसिपल और एजेंट के हस्ताक्षर होना चाहिए.
- इसके बाद रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें.
- इसे बाद रजिस्ट्री अधिकारी सेल डीड की जांच करेगा. यदि वह सही पाया जाता है तो रजिस्ट्री अधिकारी रजिस्ट्री कर देगा.
पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री करते समय ध्यान रखे
- पावर ऑफ अटॉर्नी को एक पंजीकृत दस्तावेज होना चाहिए.
- पावर ऑफ अटॉर्नी को वकील या नोटरी द्वारा तैयार किया होना चाहिए.
- पावर ऑफ अटॉर्नी में संपत्ति की खरीद-बिक्री का अधिकार साफ साफ लिखा होना चाहिए.
- पावर ऑफ अटॉर्नी में प्रिंसिपल और एजेंट के हस्ताक्षर होना चाहिए.
- रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें.
- रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज साथ रखें.
इससे भी पढ़े,
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQs
पावर ऑफ अटॉर्नी की अवधि जीवन भर के लिए होता है. यदि उस संपत्ति का मालिक पावर ऑफ अटॉर्नी को रद्द न कर दे तक तक रहता है. पावर ऑफ अटॉर्नी की वैधता एक निश्चित समय अवधि के लिए भी बना सकते है.
प्रॉपर्टी के मालिक के मृतु के बाद पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी अक्षम हो जाता है तो पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी की शक्ति समाप्त हो जाती है, लेकिन प्रिंसिपल किसी भी समय अटॉर्नी की शक्ति को रद्द कर सकता है.
जब प्रिंसिपल की मृत्यु हो जाती है, तो पावर ऑफ अटॉर्नी दस्तावेज़ की वैधत समाप्त हो जाता है. एजेंट के पास अब प्रिंसिपल की ओर से कार्य करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं होता है.