यदि पिता अपने संपत्ति को अपने पुत्र के नाम पर करना चाहता है, तो इसके लिए स्टाम्प ड्यूटी लगता है. इसके बाद वह संपत्ति पुत्र के नाम पर हस्तांतरण होता है. यह प्रकिया देश के अलग अलग राज्यों में भिन्न भिन्न होता है. और यह सामान्य तौर पर संपत्ति के आधार पर स्टाम्प ड्यूटी की दर निर्भर करती है.
लेकिन अधिकांस लोगो को यह जानकारी नही है कि पिता से पुत्र को संपत्ति के हस्तांतरण पर कितना स्टाम्प ड्यूटी लगता है. इसलिए इस पोस्ट में पूरी जनकारी उपलब्ध किया गया है, जिसके माध्यम से यह जनकारी प्राप्त कर सकते है कि स्टाम्प ड्यूटी क्या है, और पिता से पुत्र को संपत्ति हस्तांतरण पर कितना स्टाम्प ड्यूटी लगता है.
स्टाम्प ड्यूटी शुल्क क्या है
स्टाम्प ड्यूटी एक प्रकार का सरकारी टेक्स होता है जो जमीन रजिस्ट्री के समय राज्य सरकार के द्वारा लिया जाता है. स्टाम्प ड्यूटी चार्ज आमतौर पर किसी जमीन या संपत्ति के बाजार मूल्य के आधार पर लिया जाता है. संपत्ति के मार्किट वैल्यू यानि सरकारी रेट के 5 से 7% स्टाम्प ड्यूटी चार्ज लिया जाता है और रजिस्ट्रेशन चार्ज संपत्ति के मार्किट वैल्यू का 1% लिया जाता है.
यदि कोई व्यक्ति जमीन या किसी प्रॉपर्टी को खरीदता है या पिता अपने पुत्र को संपत्ति के हस्तांतरण करता है तो रजिस्ट्री करते समय स्टाम्प ड्यूटी चार्ज लगता है और स्टाम्प ड्यूटी एक दस्तावेज भी है. यदि उस संपत्ति में कोई विवाद या परेशानी आती है तो इसके कागज को कोर्ट में पेश कर कानूनी न्याय मिल सकता है.
पिता से पुत्र को संपत्ति हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी चार्ज कितना लगता है
भारत में पिता से पुत्र को संपत्ति के हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी की दर राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित की जाती हैं. और यह शुल्क सम्पति के कीमत के आधार पर 5.7% स्टाम्प शुल्क लगता है. और रजिस्ट्रेशन चार्ज संपत्ति के कीमत के आधार पर 1% लिया जाता है.
लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने 2023 से पिता से पुत्र को संपत्ति के हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी को 7% से घटाकर 5,000 रुपये प्रति पृष्ठ कर दिया है. यह छूट केवल रक्त संबंधियों पर लागू होती है, जैसे: पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र और पुत्री का सगा बेटा-बेटी आदि सामिल होता है.
पिता से पुत्र को संपत्ति के हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी में दी जाने वाली छुट
यहाँ पर अलग अलग राज्यों में पिता से पुत्र को संपत्ति के हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी जाती है, जो इस प्रकार है.
बिहार: | ₹50 |
पश्चिम बंगाल: | ₹1,000 |
उत्तर प्रदेश: | ₹5,000 |
उत्तराखंड: | ₹1,000 |
त्रिपुरा: | ₹1,000 |
तमिलनाडु: | ₹50 |
सिक्किम: | ₹1,000 |
राजस्थान: | ₹2,500 |
पंजाब: | ₹1,000 |
ओडिशा: | ₹1,000 |
नागालैंड: | ₹1,000 |
मिजोरम: | ₹1,000 |
मेघालय: | ₹1,000 |
मणिपुर: | ₹1,000 |
महाराष्ट्र: | ₹50 |
केरल: | ₹1,000 |
कर्नाटक: | ₹50 |
झारखंड: | ₹1,000 |
हिमाचल प्रदेश: | ₹1,000 |
हरियाणा: | ₹2,500 |
गुजरात: | ₹1,000 |
गोवा: | ₹100 |
छत्तीसगढ़: | ₹50 |
असम: | ₹1,000 |
Note: यह स्टाम्प ड्यूटी का शुल्क सामान्य जानकारी के लिए है यदि एक्जेक्ट जनकारी के लिए अपने नजदीकी वकील सके संपर्क कर एक्जेक्ट जनकारी प्राप्त कर सकते है.
पिता से पुत्र को संपत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया
भारत में पिता से पुत्र को संपत्ति हस्तांतरण करने के दो मुख्य तरीके हैं:
- गिफ्ट डीड (दान) के द्वारा
- विक्रय के द्वारा
गिफ्ट डीड:
एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति अपनी संपत्ति को बिना किसी प्रतिफल के किसी अन्य व्यक्ति को प्रदान करता है. यानि दान के माध्यम से संपत्ति हस्तांतरित करने के लिए, पिता को एक दान पत्र (gift deed) तैयार करना होता है. दान पत्र में संपत्ति का विवरण, दानकर्ता और प्राप्तकर्ता का नाम, और संपत्ति के दान की तारीख शामिल होनी चाहिए.
विक्रय:
एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति अपनी संपत्ति को दूसरे व्यक्ति को पैसे के बदले में अपनी संपत्ति को बेचता है. बिक्री के माध्यम से संपत्ति हस्तांतरित करने के लिए, पिता को एक बिक्री समझौता (sale agreement) तैयार करना होता है. जिसमे में संपत्ति का विवरण, खरीदार और विक्रेता का नाम, बिक्री की कीमत, और भुगतान की शर्तें शामिल होनी चाहिए.
इसके बाद गिफ्ट डीड या बिक्री पर लागू स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना है जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाएगा.
पिता से पुत्र को संपत्ति हस्तांतरण करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखे
- दस्तावेज़ को सावधानीपूर्वक तैयार कर जाँच करें.
- पंजीकरण अवधि समाप्त होने के बाद दस्तावेज़ को पंजीकृत करना मुश्किल हो सकता है.
- यदि संपत्ति पर कोई ऋण है, तो उसे चुकाना सुनिश्चित करें.
- हस्तांतरण के बाद दस्तावेज को सावधानीपूर्वक रखें.
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQs
पिता से पुत्र को संपत्ति को हस्तांतरित करने के लिए वसीयत तैयार कर सकते है, या गिफ्ट डीड को तैयार कर पिता अपने संपत्ति को पुत्र को हस्तांतरित कर सकते है. दस्तावेज़ में बेटे को अचल संपत्ति उपहार में देने का इरादा स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए.
संपत्ति के हस्तांतरण के 2 तरीके निम्न है.
गिफ्ट डीड
विक्रय
मौखिक/मौखिक समझौते के माध्यम से किया जा सकता है.
संपत्ति के हस्तांतरण के लिए एक हलफनामा और अन्य कानूनी उत्तराधिकारियों से एनओसी आदि दस्तावेजो की आवश्कता होती है.