पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है – जाने लागु करने की लाभ, नियम एवं शर्तें

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पावर ऑफ अटॉर्नी एक एसी प्रकिया है जिसका उपयोग एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपनी प्रॉपर्टी को मैनेज करने के लिए करता है. पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी के मदद से अपने प्रॉपर्टी को किसी दुसरे व्यक्ति को बेच लिए अधिकार दे सकते है. जिससे वह व्यक्ति आपके जगह अदालत में जाने, खरीदारों से बातचीत आदि जैसे विशेष कार्य को कर सके.

लेकिन अधिकांस लोगो को पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी के बारे में जानकरी नही है. की पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी क्या है, इसका उपयोग कैसे करे, इसलिए इस पोस्ट में पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी के बारे में पूरी जानकारी दिया गया है. जिसके मदद से आसानी पॉवर के बारे में पूरी जानकरी प्राप्त कर सकते है और पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी का उपोयोग कर सकते है.

पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है

पावर ऑफ अटॉर्नी एक क़ानूनी दस्तावेज है. इस दस्तावेज का उपयोग कर एक व्यक्ति अपने प्रॉपर्टी को बेचने के लिए किसी दुसरे व्यक्ति को अधिकार दे सकते है. और इसका उपयोग तभी कर सकते है जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा बीमार हो या बुढा अवस्था से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा हो, या फिर लंबे समय से देश से बाहर हो.

पावर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग जो व्यक्ति करता है, उसे प्रिंसिपल या गारंटर कहा जाता है. और जिस व्यक्ति के नाम पंजीकरण किया जाता है. उसे एजेंट या पावर ऑफ अटॉर्नी एजेंट या पावर ऑफ अटॉर्नी एजेंट कहा जाता है.

पावर ऑफ अटॉर्नी कितने प्रकार का होता है

पावर ऑफ अटॉर्नी मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है. जो इस प्रकार है:

  • साधारण पावर ऑफ अटॉर्नी, (General Power of Attorney)
  • विशेष पावर ऑफ अटॉर्नी, (Special Power of Attorney)

General Power of Attorney

जेनेरल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी में जिस व्यक्ति को एजेंट बनया जाता है. जिसके पास बहुत ज्यादा अधिकार होता है. जिससे वह व्यक्ति सभी प्रकार के कार्यों को कर सकता है. जैसे: बैंक से पैसा निकाल सकता है, टैक्स भर सकता है, इन्वेस्टमेंट कर सकता है, प्रॉपर्टी खरीद या बेच सकता है, अदालत में चल रहे मुकदमेबाजी आदि का अधिकार होता है.

Note: पावर ऑफ अटॉर्नी उसी व्यक्ति को बनाए

Special Power of Attorney

स्पेशल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी में गारंटर अपने एजेंट को सभी अधिकार नही देता है. स्पेशल पॉवर ऑफ़ में जो जरुरी कार्य होता है उसे अदिकृत करने का धिकार देता है. जैसे: प्रॉपर्टी को बेचने के लिए या मुकदमेबाजी के द्वारा अदालत में जाने आदि के लिए अधिकार देता है. वह कार्य होने के बाद स्पेशल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी अपने आप ही एक्सपायर हो जाता है.

पावर ऑफ अटॉर्नी के नियम

Power of Attorney का नियम निम्न प्रकार है:

  • पावर ऑफ अटॉर्नी किसी भी सामान्य व्यक्ति द्वारा लिखा जा सकता है, लेकिन इसे एक नोटरी से सत्यापित कराना अनिवार्य है.
  • यह एक लीगल दस्तावेज है, जिसके मदद से दुसरे व्यक्ति को अधिकार प्रदान कर सकते है.
  • निर्धारित थिति पर पावर ऑफ अटॉर्नी समाप्त हो जाता है.
  • लैंड ओनर पावर ऑफ अटॉर्नी को रद्द कर सकते है.
  • यदि पावर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग गलत किया जाता है, तो कोर्ट द्वारा उसे रद्द किया जा सकता है.

पावर ऑफ अटॉर्नी लागु कैसे करे

जब प्रॉपर्टी के मालिक अपने किसी कार्य के लिए अपने प्रतिनिधि को भेजते हैं तो उस व्यक्ति को पावर ऑफ अटॉर्नी दिखाना पड़ता है. और यह सुनिश्चित करना पड़ता है की कार्यों को करने की कानूनी अधिकार आपको है या नही. उस समय वह व्यक्ति पावर ऑफ अटॉर्नी लागु कर सकता है. पावर ऑफ अटॉर्नी लागू करने की प्रक्रिय अलग अलग राज्यों में भिन्न भिन्न हो सकती है.

पावर ऑफ अटॉर्नी लागू करने के लिए प्रतिनिधि को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • पावर ऑफ अटॉर्नी
  • प्रतिनिधि का पहचान पत्र
  • अन्य आवश्यक दस्तावेज जैसे, संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए संपत्ति के दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है.

पावर ऑफ अटॉर्नी की सीमा क्या है?

भारतीय कानून के अनुसार पावर ऑफ अटॉर्नी की समय सीमा निर्धारति नही है. पावर ऑफ अटॉर्नी को कितना भी समय के लिए बनाया जा सकता है. लेकिन पावर ऑफ अटॉर्नी को एक निश्चित समय अवधि के लिए बनाया जा सकता है. जैसे एक वर्ष, दो वर्ष आदि.

पावर ऑफ़ अटॉर्नी बनाते समय अवधि दर्ज कर सकते है. यदि पावर ऑफ़ अटॉर्नी को बनाते समय आपने कोई समय सीमा नही दर्ज किया है. तो उसका अवधि तब तक रहता है जब तक प्रिंसिपल जीवित रहते है. या जब तक इस दस्तावेज को अनुदाता यानि जो व्यक्ति इस दस्तावेज को आपके नाम जारी किया वह रद्द न कर दे.

पावर ऑफ अटॉर्नी के कानूनी प्रभाव क्या हैं

पावर ऑफ अटॉर्नी के कानूनी प्रभाव निम्नलिखित है.

  • पावर ऑफ अटॉर्नी एक ऐसी कानूनी दस्तावेज है जिसमे प्रतिनिधि आपके प्रॉपर्टी का अधिकार प्राप्त होता है.
  • यदि कोई व्यक्ति अन्य व्यक्ति के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी जारी करता है. तो वह प्रतिनिधि उसके सभी कार्यो का निर्णय ले सकता है.
  • पावर ऑफ अटॉर्नी से प्रतिनिधि आपके सभी कामो को करने काअधिकार प्राप्त होता है.
  • पावर ऑफ अटॉर्नी में प्रतिनिधि को आपके संपत्ति खरीदना या बेचना, मुकदमा लड़ना, या स्वास्थ्य सेवा निर्णय लेना आदि का अधिकार प्राप्त होता है.

Note: पावर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. यदि पावर ऑफ अटॉर्नी जारी करने का सोच रहे है तो पाने क़ानूनी कर्मचारी से सम्पर्क कर सकते है.

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अक्सर पूछे जाने वाला प्रश्न: FAQs

Q. पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है

पावर ऑफ अटॉर्नी एक क़ानूनी दस्तावेज है. जिसमे प्रॉपर्टी का मालिकाना हक़ प्राप्त हो जाता है. जिसके अनुसार उस प्रॉपर्टी को बेच या खरीद सकते है.

Q. क्या पावर ऑफ अटॉर्नी लोन के लिए वैध है?

भारत में, पावर ऑफ अटॉर्नी लोन के लिए वैध है लेकिन यदि आप उस परिवार सदस्हैंय है तो आप गृह ऋण के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी द्वारा आवेदन कर सकते हैं.

Q. क्या पावर ऑफ अटॉर्नी धारक खुद को संपत्ति बेच सकता है?

पावर ऑफ अटॉर्नी के द्वारा किसी प्रॉपर्टी का मालिक किसी को अपनी संपत्ति बेचने का अधिकार प्रदान करता है. लेकिन इसका मतलब यह नही हुआ की वह प्रॉपर्टी उसकी हो गई.

Q. पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री हो सकती है क्या

हाँ, पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री करा सकते है, इसके लिए आपको स्टाम्प शुल्क भी देनी पड़ेगी. लेकिन पहले ऐसा नही करना पड़ता था.

Q. पावर ऑफ अटॉर्नी में कितना पैसा लगता है?

यदि पॉवर ऑफ अटॉर्नी भाई, बहन, माता, या पिता से किया जाता है, तो स्टाम्प शुल्क के रूप में 1000 रुपया लगता है. यदि किसी अन्य व्यक्ति से होता है, तो पैसा इससे अधिक भी लग सकता है.

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