Jharkhand Jamin Registry: यदि आप झारखण्ड के निवासी है और जमीन रजिस्ट्री करने से जुड़े जानकारी देखना चाहते है. तो आपके जानकारी के लिए बता दे कि अब झारखण्ड में जमीन रजिस्ट्री करना पहले के मुकाबले सरल हो गया है. इसके लिए आपके कुछ आवश्यक डाक्यूमेंट्स होने चाहिए, फिर आप जमीन रजिस्ट्री करा पाएँगे.
किसी भी प्रकार की जमीन यदि कोई व्यक्ति खरीदता है, तो उस जमीन की रजिस्ट्री 45 दिनों के अंतर्गत करना जरुरी होता है. क्योंकि, पहले जिस व्यक्ति के नाम जमीन रजिस्टर होती है उसी का नाम जमीन के दस्तावेज पर रहता है. इसीलिए, जमीन की रजिस्ट्री करना जरुरी होता है. जिसमे पहले जमीन के स्वामी का नाम हटाकर खरीदने वाले व्यक्ति का नाम रजिस्ट्री कर दिया जाता है.
जमीन रजिस्ट्री क्या है?
झारखण्ड में जमीन रजिस्ट्री एक क़ानूनी प्रक्रिया है. जिसके सहायता से जमीन का खरीदार खरीदी हुई जमीन के पहले स्वामि का नाम दस्तावेजों से हटा कर अपना नाम दर्ज करवाता है. व क़ानूनी तौर पर उस जमीन का हकदार कहलाता है. वह जिस जमीन को खरीद कर अपने किसी निजी कार्य या अन्य कार्य के लिए उपयोग कर सकता है
झारखण्ड में जमीन रजिस्ट्री कराने के फायदे
जमीन की रजिस्ट्री एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. क्योंकि, जमीन रजिस्ट्री से निम्न सुविधा प्राप्त कर सकते है.
- जमीन की रजिस्ट्री मालिकाना हक़ प्रदान कराती है.
- किसी भी अवैध कब्जे से बचने में मदद प्रदान कराती है.
- किसी भी गैर हक़दार से बचने के लिए क़ानूनी नियम की सुविधा प्रदान कराती है.
- किसी निजी या अन्य कार्य, अपने समिक्षा अनुसार करने के अनुमति प्रदान कराती है.
- जमीन की रजिस्ट्री एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के साथ-साथ हमें कई अन्य सुविधा प्रदान कराती है.
जमीन रजिस्ट्री के लिए जरुरी दस्तावेज
झारखण्ड में जमीन रजिस्ट्री कराने में लगने वाले दस्तावेज निम्न है. इन दस्तावेजों की आवश्यकता विक्रेता व क्रेता दोनों पक्षों को पड़ती है.
- पहचान पत्र
- जनरल पावर ऑफ़ अटार्नी
- अलॉटमेंट लैटर
- प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ी लेटेस्ट रसीदें
- बैनामा दस्तावेज
- खाता प्रमाण पत्र
- NOC – नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट
- जमीन विक्रेता के फोटोग्राफ व जमीन सम्बंधित आईडी और साथ ही साथ क्रेता का फोटोग्राफ और आईडी के साथ ही 2 गवाहों के फोटोग्राफ और आईडी
झारखण्ड में जमीन रजिस्ट्री कैसे करे?
जमीन की रजिस्ट्री एक क़ानूनी प्रक्रिया है, जिसे कोर्ट या ब्लॉक द्वारा सुनिश्चित किया जाता है. किसी भी जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए एक निश्चित प्रक्रिया को फॉलो करना पड़ता है. झारखण्ड में जमीन की रजिस्ट्री कैसे करे की पूरी जानकारी निचे स्टेप बाय स्टेप उपलब्ध है. जिसके मदद से किसी भी जमीन की रजिस्ट्री सरलता से किया जा सकता है.
स्टेप 1. स्टाम्प पेपर तैयार करें
सबसे पहले इकरारनामा में जिस दिन इकरारनामा लिखित की जा रही है. उस दिन की तारीख व साल डालना है. अब आपको सबसे पहले अपना पूरा पता लिखना है साथ ही अपना नाम भी लिखना है. जैसे आपका नाम क्या है आप के घर का पता क्या है इत्यादि जानकारियों को दर्ज कर स्टंप पेपर तैयार करना है.
जमीन खरीदारी करने वाले व्यक्ति के देख रेख में स्टंप पेपर तैयार करें. अगर स्टाम्प पेपर तैयार करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी होती है, तो इसमे आप किसी अच्छे वकील से मदद ले सकते है. या स्टाम्प पेपर तैयार करा सकते है. इसमे दोनों पक्षों की रजामंदी के साथ-साथ सभी नियम और सर्ते लिखित और स्वीकार करना होता है.
स्टेप 2. स्टाम्प पेपर पर नियम व सर्ते लिखें
- इस दस्तावेज में बिक्री से जुड़े नियम-शर्तें के साथ दोनों पक्षों की संपूर्ण जानकारी दर्ज करें.
- बिक्री की रकम, एडवांस पेमेंट, पेमेंट का तरीका व तारीख लिखें.
- असली कागज सौंपने का समय एवं प्राॅपर्टी की पोजीशन आदि को लिखें.
- अगर पेमेंट कार्य पूरी है, तो पेमेंट रसीद को add करें. या लिखित रूप से दर्ज करें.
स्टेप 3. प्रॉपर्टी डिटेल लिखें
जमीन क्रेता व् विक्रेता निष्पादक का नाम, संपत्ति और लाभार्थी का विवरण: वसीयत का सबसे महत्वपूर्ण खंड अचल संपत्तियों या उनके पते के साथ संपत्तियों की जानकारी है. फिर सभी चल संपत्ति जैसे बीमा, बैंक जमा, म्यूचुअल फंड आदि का उल्लेख करें.
जमीन के आसपास चौथाई में होने वाले प्रॉपर्टी के मालिक का नाम दर्ज करें. अगर उस जमीन के खसरा नंबर पता है उसको भी दर्ज कर सकते है.
स्टेप 4. बयाना लिखें
जमीन की पूरी बयान होते समय दोनों पक्षों की तरफ से दो गवाहों का होना अनिवार्य है. बयाना समझौते को पार्टियों द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया जाना चाहिए.
जमीन रजिस्ट्री फीस का भुगतान करने से पहले, सुनिश्चित करें की संपत्ति विक्रेता के नाम पर पंजीकृत है जिसे बयाना का भुगतान किया गया है.
स्टेप 5. सभी बिलों के भुगतान की जानकारी दें
जमीन क्रेता पास जितने भी पेमेंट रसीद हैं, जो विक्रेता को प्राप्त हुए हैं या पास उपस्थित है. सबका दिनांक व् माह, वर्ष दर्ज करें. जिससे सुनिश्चित होता है कि आपको कब कब पेमेंट किया गया है और कितना पेमेंट किया गया है.
स्टेप 6. हस्ताक्षर करें.
हस्ताक्षर स्टाम्प पेपर में लिखित, उन सभी नियम एवं शर्तों को मैं स्वीकार करता हूँ और स्वच्छ संपूर्ण जानकारी को प्राप्त करने के बाद या नियम का सही सही पालन क्रेता द्वारा किया गया है. ऐसे ही नियम को कार्यालय द्वारा प्रदान सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर क्रेता से कराएँ.
स्टेप 7. दो गवाहों के सिग्नेचरर कराएं
दोनों पक्षों के तरफ से दो गवाहों के signature कराएँ.
स्टेप 8. बैनामा रजिस्टर ऑफिस में जमा करें.
सभी जमीन सम्बंधित कार्य को करने के बाद दस्तावेज को रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा कर दें. जमा करने के 45 से 90 दिनों के अन्दर जमीन की रजिस्ट्री हो जाएगी. अगर सभी दस्तावेज सही हैं तो दाखिल खारिज के बाद 30 दिनों के अन्दर भी जमीन आपके नाम रजिस्टर हो.
झारखंड में जमीन खरीदने के नियम
झारखण्ड में जमीन खरीदने के लिए कुछ वैध दस्तावेज की आवश्यकता पड़ती है. रजिस्ट्री एक सरकारी दस्तावेज है जो कानूनी रूप से वैध होता है. इसलिए, इसे नियम से पूरा करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- बिक्रेता और खरीदार की पहचान पत्र
- जमीन का नक्शा
- जमीन का ब्योरा
- जमीन पर लोन या किसी अन्य का दायित्व नहीं होने का प्रमाण
- स्टांप शुल्क और अन्य टैक्स का भुगतान करना होगा
ध्यान दे, झारखंड में जमीन खरीदने से सम्बंधित अन्य जानकारी के लिए राजस्व विभाग की वेबसाइट पर अवश्य विजिट करे.
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झारखण्ड जमीन रजिस्ट्री से जुड़े प्रश्न: FAQs
किसी भी जमीन की खरीदारी क्रेता द्वारा की जाती है, तो उस जमीन के दस्तावेज से पहले स्वामि का नाम हटा कर नये स्वामी का नाम जमीन के दस्वेजों पर दर्ज होता है. यह प्रक्रिया जमीन का रजिस्ट्री कहलाता है.
झारखण्ड में जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए निम्न प्रकार के दस्तावेज चाहिए.
>पहचान पत्र
>जनरल पावर ऑफ़ अटार्नी
>अलॉटमेंट लैटर
>प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ी लेटेस्ट रसीदें
>बैनामा
>खाता प्रमाण पत्र
>NOC – नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट
झारखण्ड में जमीन की रजिस्ट्री शुल्क चार प्रतिशत व रजिस्ट्रेशन फीस तीन प्रतिशत लगता है. कुल मिलाकर रजिस्ट्रेशन में सात प्रतिशत लगती है.
झारखण्ड में जमीन की रजिस्ट्री करने में लगभग 45 दिन का समय लगता है. वही यदि दस्तावेज में किसी प्रकार की कोई परेशानी हो, तो जमीन रजिस्ट्री में लगभग 90 दिन का समय लग सकता है.
पहले की भाति झारखण्ड राज्य द्वारा रजिस्ट्री के बाद नामकरण की प्रक्रिया सरल कर दी गए है. आवेदन रजिस्ट्री कराने के साथ ही कार्यालय द्वारा नामकरण के लिए फारवर्ड हो जाएगा. और संबंधित तहसीलदार के पास रजिस्ट्री क्रेता का आवेदन डिस्प्ले पर show होने लगेगा. इससे रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण की भी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.