किसी भी जमीन को खरीदने या बेचने का एक क़ानूनी प्रकिया है, जिसके माध्यम से जमीन को ख़रीदा या बेचा जाता है. यदि आप जमीन खरीदना चाहते है, तो इसके लिए सरकार द्वारा लागु किया गया क़ानूनी प्रकिया का पलना करना होगा. इसके पश्चात उस जमीन का मालिकाना हक़ पूर्ण रूप से प्राप्त होगा. क्योकि,क़ानूनी नियम के अनुसार जमीन नही खरीदते है, तो आपके साथ धोखाधड़ी होने की संभावना हो सकती है.
इसलिए किसी भी जमीन को खरीदने से पहले कनूनी नियम का जानकारी होना जरुरी है. ताकि जमीन खरीदने में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो. इसलिए इस पोस्ट में जमीन खरीदने के कानूनी नियम क्या क्या है की पूरी जानकारी हमने दिया है, जो कानूनी रूप से वैध है:
जमीन खरीदने के कानूनी नियम क्या है
- जमीन उचित मूल्य पर खरीदने के लिए सबसे पहले जमीन की खोज, जमीन का जाँच करना चाहिए.
- जिस जमीन को खरीद रहे है, तो उसे जमीन पर किसी प्रकार की कोई loan या रजिस्ट्री शीट, नही है या जरुर चेक करे.
- जमीन खरीदने से यह जाँच के की जमीन पर किसी प्रकार का विवाद तो नही है.
- जमीन खरीदने से पहले क्रेता द्वारा सभी डाक्यूमेंट्स की जाँच करे.
- खरीदनेवाले व्यक्ति को जमीन खरीदने से पहले विक्रेता को जमीन का पैसो भुगतान करे.
- जमीन खरीदने के लिए जमीन की बिक्री नियम दस्तावेज पर क्रेता और बिक्रेता दोनों का हस्ताक्षर करना चाहिए.
- जमीन का खतौनी, नक्शा, आदि की जाँच अवश्य करे.
- जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करे.
- यह सभी प्रकिया अपने जिला के सब रजिस्ट्रार के कार्यालय के द्वारा करे.
- जमीन खरीदने से पहले एक बार अपने नजदीकी वकील से सलाह ले.
जमीन खरीदने से पहले इन सभी बातो पर अवश्य ध्यान दे
इसके निचे दिए गए कानूनी दस्तावेजों और प्रकिया की जाँच जमीन खरीदने से पहले जरुर करे.
- टाइटल डीड यह सुनिश्चित करता है कि जो व्यक्ति संपत्ति बेच रहा है उसके व्यक्ति के नाम पर संपत्ति है.
- बिक्री विलेख यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि संपत्ति या जमीन किसी भी डेवलपर, समाज या अन्य से संबंधित तो नहीं है.
- जमीन का टैक्स रसीदें सबसे महत्वपूर्ण कागजो में से एक हैं. जिन्हें आपको जमीन खरीदने से पहले जाँच अवश्य करना चाहिए. टैक्स रसीदें से यह पता चलता है कि उसके पिछले करों और भुगतान की गई है या नही.
- गिरवी रखी गई जमीन की जांच करें क्योकि, आपके द्वारा खरीदी गई जमीन को विक्रेता द्वारा गिरवी तो नहीं रखा गया है.
- जमीन रजिस्ट्रेशन करने से पहले जमीन को माप लें. क्योकि जमीन के टुकड़े की माप और उसकी सीमाएं बराबर है या नही.
जमीन खरीदते समय सावधानी बरते
- विक्रेता के पास जमीन का मालिकाना हक है या नहीं, यह सुनिश्चित करें.
- विक्रेता के खिलाफ जमीन पर कोई मुकदमे या विवाद तो नहीं हैं. यह जांच करे.
- जमीन के सभी दस्तावेजों की सावधानीपूर्वक जांच करें.
- जमीन का नक्शा, खाता संख्या, भुगतान की रसीदें, आदि की जांच करें.
- किसी भी दबाव में आकर जमीन न खरीदें.
- जमीन खरीदने से पहले वकील से सलाह लें और जमीन खरीदने के कानूनों के बारे में जानकारी प्राप्त करे.
- जमीन खरीदने के बाद सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखें.
शरांश: जमीन खरीदने के लिए एक वैध दस्तावेज की आवश्यकता होगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ख़रीदे जाने वाला जमीन वैध है. साथ यह सुनिश्चित करना करना होगा कि जमीन पर कोई लोन तो नहीं है. ये सभी जानकारी प्राप्त कर रजिस्ट्री कराने पर किसी प्रकार का कोई समस्या नही होता है. इसके अलावे जमीन खरीदने के लिए स्टांप शुल्क और अन्य करों के भुगतान के भी बारे में पता करना चाहिए, ताकि बाद में कोई बोझ न हो.
संबंधित पोस्ट,
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQs
किसी भी जमीन को खरीदने से पहले जमीन के सभी दस्तावेजों की सावधानीपूर्वक जांच करें. ताकि आपके साथ किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी न हो सके. और जमीन खरीदने के बाद जमीन का रजिस्ट्री अवश्य कराए. अन्यथा जमीन का मालिकाना हक़ आपके नाम पर नही होगा.
>किसी भी जमीन को खरदने से पहले एक बार वकील से जरुर सलाह ले.
>जमीन का जाँच करे की उस जमीन पर किसी प्रकार का लोन तो नही है.
>जमीन के सभी दस्तावेजो का जाँच करे.
>किसी के दबाव में आकर जमीन न ख़रीदे.
किसी भी जमीन का एग्रीमेंट नियम के अनुसार 11 महीने का होता है. 11 महीने पूरा होने के बाद उस जमीन का नया एग्रीमेंट बनाना होता है.
एससी और एसटी समुदाय के लोग हरिजन की जमीन बिना किस अनुमति के खरीद सकता है. एससी और एसटी लोगो को किस अधिकारी से अनुमति लेने की आवश्यकता नही होती है.