ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट नोट्स क्या है: जानिए प्रॉपर्टी ट्रांसफर से जुड़े नियम

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ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट नोट्स भारतीय कानून द्वारा बनाया गया एक क़ानूनी प्रकिया है, जिसके माध्यम प्रॉपर्टी को ट्रान्सफर किया जाता है. इस नियम को एक जुलाई 1882 को लागू किया गया था. यह भारतीय कानूनी व्यवस्था में सबसे पुराने कानूनों में से एक है, जिसे ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट कॉन्ट्रैक्ट के नाम से जाना जाता है.

इस क़ानूनी नियम के अनुसार लोग अपने अचल संपत्ति को ट्रांसफर करने की योजना बना सकते है, और अपने प्रॉपर्टियों का लेनदेन यानि एक दुसरे को ट्रान्सफर कर सकते है. ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के माध्यम से प्रॉपर्टी को ट्रान्सफर करने के लिए योजना बनाने वालों के लिए, इस अधिनियम के और भी प्रमुख जानकारी को जानना जरूरी है, जो इस पोस्ट में उपलब्ध किया गया है. तो आइए ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट नोट्स के बारे में विस्तार से जानते है:

ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट नोट्स क्या है

ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट नोट्स भारतीय क़ानूनी व्यवस्था द्वारा बनाया गया एक कानून है. जिसे 1 जुलाई 1882 को लागू किया गया. यह नियम प्रॉपर्टी को ट्रान्सफर करने से संबंधित है, जिसके माध्यम से लोग अपने संपत्ति को किसी दुसरे व्यक्ति को ट्रांसफर कर सकते है. इस नियम के अनुसार एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्तियों को ट्रान्सफर कर सकते है.

भारतीय कानून के अनुसार प्रॉपर्टी को दो भागो अचल और चल संपत्ति में बाटा गया है. इसलिए प्रॉपर्टी को ट्रान्सफर के नियम में कानून में चल और अचल संपत्ति दोनों के नियम शामिल हैं.

चल और अचल संपत्ति क्या है

चल संपत्ति

चल संपत्ति वह संपत्ति है, जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ट्रान्सफर किया जा सकता है. यूज़ चल संपत्ति कहा जाता है. जैसे: फर्नीचर, उपकरण, वाहन, फसल गहने और पैसा आदि शामिल हैं. इसलिए चल संपत्ति को किसी को सौंप या ट्रान्सफर किया जा सकता है.

अचल संपत्ति

अचल संपत्ति वह संपत्तियां होती हैं जिन्हें एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जाया जा सकता है. यूज़ अचल संपत्ति कहा जाता है. जैसे जमीन, इमारतें, पेड़, झाड़ियाँ, खनिज और जमीन से जुड़ी हुई अन्य चीजें. अर्थात दुसरे सब्दो में कहे तो अचल संपत्ति को रीयल एस्टेट भी कहा जाता है. क्योकि यह एक महत्वपूर्ण संपत्ति है जो निवेश के अवसर प्रदान करता है.

संपत्ति अधिनियम ट्रान्सफर की सीमा क्या है

संपत्ति ट्रान्सफर अधिनियम, 1882 में संपत्ति हस्तांतरण पर कोई निश्चित सीमा नहीं है. इसके लिए दोनों पक्षों को सक्षम होना चाहिए. संपत्ति को आप तौर पर दो तरीके से ट्रान्सफर किया जा सकता है. पहला दो या दो से अधिक पक्षों या पंचायतो द्वारा और दूसरा क़ानूनी नियम द्वारा सम्पति ट्रान्सफर किया जा सकता है.

लेकिन संपत्ति पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं होना चाहिए जो ट्रान्सफर को रोकता सके. और सम्पत्ति ट्रान्सफर करने वाला व्यक्ति क़ानूनी मालिक होना चाहिए.

संपत्ति हस्तांतरण के लिए कौन पात्र है

संपत्ति का हस्तांतरण नियम के अनुसार, केवल वही व्यक्ति जो दूसरे व्यक्ति के साथ संबंध हो, वह व्यक्ति संपत्ति का हस्तांतरण करने के लिए पात्र है. और इसके अलावा संपत्ति हस्तांतरित करने का अधिकार इच्छुक व्यक्ति के पास होना चाहिए.

इसके अलावा संपत्ति का ट्रान्सफर ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाना चाहिए, जो 18 या उससे अधिक वर्ष का होना चाहिए. और पूर्ण रूप से स्वस्थ होना चाहिए. और किसी तरह के नशे के प्रभाव में न होना चाहिए.

संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम 1882 के महत्वपूर्ण बातें

  • संपत्ति ट्रान्सफर किसी सक्षम व्यक्ति द्वारा किया जाना चाहिए, जो नशे में नहीं होना चाहिए, और मानसिक रुप से स्वस्थ होना चाहिए.
  • संपत्ति का अधिकार प्राप्त करने से पहले संपत्ति को ट्रान्सफर नही किया गया हो.
  • संपत्ति को ट्रान्सफर करने के लिए क़ानूनी नियमो और शर्तों का पालन करना चाहिए.
  • किसी ऐसे व्यक्ति के पक्ष में ट्रान्सफर किया जा सकता है जो जीवित हो.
  • संपत्ति ऐसे व्यक्ति के नाम पर तब तक रहता है, जब तक उसका बच्चा पैदा नहीं हो जाता है.
  • संपत्ति ट्रान्सफर का हक व्यक्ति के जीवित रहने तक होना चाहिए.
  • संपत्ति उस व्यक्ति के पक्ष में ट्रांसफर करना होगा जो ट्रांसफर की तारीख पर जिंदा है.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQs

Q. संपत्ति के हस्तांतरण के 2 तरीके क्या हैं?

संपत्ति को आप तौर पर दो तरीके से ट्रान्सफर किया जा सकता है. पहला दो या दो से अधिक पक्षों या पंचायतो द्वारा और दूसरा क़ानूनी नियम द्वारा सम्पति ट्रान्सफर किया जा सकता है.

Q. संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम 1882 की धारा 54 क्या है?

संपत्ति अधिनियम 1882 के हस्तांतरण के तहत शामिल 137 धाराओं में से एक धारा 52 है, जो संपत्ति पर किसी भी लंबित मुकदमे पर चर्चा की गई है. और इसमें कहा गया है कि अगर किसी अचल संपत्ति पर मालिकाना हक को लेकर कोई विवाद होता है, तो उसे तब तक हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है. जब तक अदालत इसपर निर्णय नही लेती है.

Q. कौन सी संपत्ति हस्तांतरित नहीं की जा सकती है?

कुछ ऐसे संपत्तियाँ जिसका ट्रान्सफर नही की जा सकती है. जैसे मुकदमा करने का अधिकार, भविष्य में रखरखाव का अधिकार, राजनीतिक कैदियों पेंशन भोगियों और किसी संपत्ति में उत्तराधिकारी के संभावना में हस्तांतरणीय नहीं है.

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