सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए कौन सी धारा लगती है

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यदि आपके गाँव या शहर में सरकारी जमीन है और कोई उस जमीन पर कब्जा करता है, तो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 441 के अनुसार उसपर कार्यवाही की जाएगी. इस अपराध के मामले में जेल और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. सरकारी जमीन पर किसी का भी अधिकार नही है, इसलिए इस प्रकार के अतिक्रमण से बचने की कोशिश करे.

लेकिन बहुत से ऐसे है, जो यह जानना चाहते है कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने पर धारा क्या लगती है. इस पोस्ट में सरकारी जमीन पर कब्जा करने के सम्बन्ध में लगने वाले धारा की पूरी जानकारी उपलब्ध है. इस धारा के तहत जुर्माना एवं जेल दोनों हो सकता है. आइए धारा और कानूनी प्रक्रिया को विस्तार से समझते है:

सरकारी जमीन पर कब्जा करने की धारा

  • धारा 441: यह धारा किसी किसी सरकारी जमीन पर बलपूर्वक कब्जा करने पर लगाया जाता है.
  • धारा 427: यह धारा किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसपर गैर कानूनी काम करने पर लगाया जाता है.
  • भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894: यदि कोई व्यक्ति किसी जमीन पर कब्जा करता है, तो उसके खिलाफ इस नियम के तहत कार्रवाई की जाती है.

सरकारी जमीन पर कब्जा करने पर कौन सी धारा लगती है

यदि किसी व्यक्ति ने सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 447 लगती है. इस धारा के अनुसार, “जो कोई किसी सरकारी भूमि या भवनों पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा कर लेता है, तो उस पर सरकार कानूनी करवाई करती है.

इसके अलावा, भारतीय राजस्व अधिनियम के अनुसार 1873 की धारा 91 के तहत सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. इसलिए जो कोई व्यक्ति बिना किसी वैध अधिकार के किसी सरकारी जमीन पर कब्जा करता है, तो उस पर पटवारी धारा 91 के तरह केस दर्ज करता है. और उसे दोषी ठहराया जाता है.

इस धारा के अनुसार, सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए दोषी व्यक्ति को तीन साल तक की जेल या जुर्माना दोनों हो सकता है.

सरकारी जमीन पर कब्जा करने की दंड क्या होती है

सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ धारा 91 के तरह केस दर्ज किया जाता है. और उस व्यक्ति के खिलाफ क़ानूनी नियमो के अनुसार साजा सुनाई जाती है. इसकी सुनवाई तहसीलदार, नायब तहसीलदार करते हैं.

इसके अलावा सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकती है. यदि कब्जा बलपूर्वक या धमकी के द्वारा किया गया है, तो सजा अधिक कड़ी हो सकती है. और दोषी व्यक्ति को सरकारी जमीन से बेदखल भी किया जा सकता है.

सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने से जुड़ी जरुरी बातें

  • सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने वाले को कानूनी सुरक्षा नहीं मिलती है..
  • सरकार ज़मीन को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराकर अपने कब्ज़े में लेने का पूरा अधिकार है.
  • अवैध कब्जा सरकारी जमीन पर साबित होने पर जेल और जुर्माना दोनों लगाया जा सकता है.
  • अगर कोई अवैध कब्ज़ा नही छोड़ता है, तो क़ानूनी रूप से पुलिस भी कार्यवाही कर सकती है.

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अक्सर पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न: FAQs

Q. सरकारी जमीन पर कब्जा करने की शिकायत कहाँ करे?

यदि आपके सरकारी जमीन किसी व्यक्ति ने अवैध कब्जा कर लिया हैं, तो भारतीय कानून के अनुसार विभिन्न नियमो के तहत राहत की मांग कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले आपको शहर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के पास एक लिखित शिकायत दर्ज करे.

Q. सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए कौन सी धारा लगती है?

सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए भारतीय दंड संहिता के अनुसार (IPC) की धारा 447 और भारतीय राजस्व अधिनियम के अनुसार 1873 की धारा 91 लगती है. जिसमे दोषी व्यक्ति को तीन साल तक की जेल या जुर्माना दोनों हो सकता है.

Q. क्या सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए कोई जमानत मिल सकती है?

सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्ति को जमानत मिल सकती है. लेकिन, जमानत मिलने की संभावना तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर निर्भर करती है.

Q. सरकारी जमीन पर कब्जा करने के मामले में पुलिस क्या कार्रवाई कर सकती है?

सरकारी जमीन पर कब्जा करने पर पुलिस को शिकायत मिलने पर जांच करेगी. जांच के बाद यदि पुलिस को लगता है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा है, तो वह संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करा सकती है.

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