आज के समय में ज्यदातर लोग अपने मकान या जमीन को किराए पर देकर अपनी आय का श्रोत बढ़ाना चाहते है. किराए पर मकान लेने के लिए मकान मालिक द्वारा एक किरायानामा बनाया जाता है. जिसमे किराएदार और मकान मालिक के बिच समझौते को तैयार किया जाता है. और उसमे मकान मालिक की सारी शर्तें लिखित रूप में होती हैं. क्योकि भविष्य में प्रॉपर्टी को लेकर किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो जाए. इसलिए किरायानामा यानि रेंट एग्रीमेंट बनाया जाता है.
रेंट एग्रीमेंट कैसे बनता है, इसकी जानकारी कुछ लोगो को नही होती है जिससे उन्हें अपने मकान को किराए पर देने के लिए किरायानामा बनाने में परेशानी होती है. इसलिए इस पोस्ट में किरायानाम कैसे बनता है की जानकारी को दिया गया है. जो आपको किरायानामा बनाने में मदद करेगा.
किरायानामा क्या होता है
किरायानामा यानि रेंट एग्रीमेंट एक कानूनी दस्तावेज है, जो किराएदार और मकान मालिक के बीच एक समझौता होता है. यह दस्तावेज जमीन या मकान के किराए पर लेने और देने की शर्तों को स्पष्ट रूप से प्रमाणित करता है. इसमें किराए की राशि, भुगतान की तारीख, किराएदार के अधिकार और जिम्मेदारी, संपत्ति के उपयोग और रखरखाव आदि से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को दर्ज किया जाता है.
किरायानामा बनाने के लिए किराएदार और माकन मालिक के डॉक्यूमेंट और क़ानूनी प्रकिया के अनुसार किरायानामा बनाया जाता है. इसकी प्रकिया और डॉक्यूमेंट को निचे दिया गया है.
किरायानामा बनाने के लिए कौन से डॉक्यूमेंट चाहिए
यदि मकान को किराए पर देने के लिए रेंट एग्रीमेंट बना रहे है, तो इसके लिए कुछ डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है, जो इस प्रकार है;
- मकान मालिक और किरायेदार का आधार कार्ड
- दो गवाह
- स्टाम्प पेपर
- मालिक और किरायेदार का पासपोर्ट साइज़ फोटो
- किराया और सिक्योरिटी की धनराशि
किरायानामा कैसे बनता है
- किरायानामा तैयार करवाते समय स्टाम्प पर मकान मालिक और किरायेदार दोनों के बीच होने वाला समझौता और मकान मालिक और किरायेदार दोनों का पूरा नाम, पिता का नाम, उम्र, एड्रेस, आदि दर्ज कराए.
- किरायानामा मे मकान मालिक द्वारा बताई गई सभी शर्तों को लिखे, जिसके आधार पर माकन किराएदार को दिया जाएगा.
- मकान किराए पर देने के लिए तय किया गया राशी लिखे और किराया कौन से तारीख से शुरू होगा और किराया कौन से तारीख को मकान मालिक को देना है.
- मकान कितने समय के लिए किराएदार को मकान दिया जाएगा.
- मकान की सिक्योरिटी धनराशि कितनी मकान मालिक को पहले देना है इसे भी लिखे.
- मकान मे मिलने वाली सुविधाए जैसे बिजली के बिल, पानी के बिल, पार्किंग, गार्डन, आदि उपलब्ध हो तो किराये मे शामिल है या अलग से किरायेदार को देना पड़ेगा इसे भी लिखे.
- मकान मालिक की अनुमति के बिना किरायेदार मकान मे किसी भी तरह का कोई नया निर्माण काम नहीं करेगा.
- मकान खाली करने के कितने समय पहले किरायेदार मकान मालिक को सूचित करेगा।
- मकान मालिक किरायेदार से मकान खाली करने के लिए एक महीने पहले किरायेदार को सूचित करे.
- सभी शर्तो को लिखने के बाद मकान मालिक और किरायेदार और दो गवाह का किरायानामा पर हस्ताक्षर जरूर करवाए.
ध्यान दे: किरायानामा बनाने से पहले प्रॉपर्टी मालिक को किराएदार के बारे में पूरी इनफार्मेशन होनी चाहिए. जैसे कहा का रहने वाला है, कौन से जब करता है उसके फैमिली में कौन कौन हिया. या कही कोई क्रिमिनल तो नही है. आदि की इनफार्मेशन सही से होना चाहिए.
किराएदार को भी जिस माकन में रहने के लिए मकान ले रहा है, वह मकान असली मालिक की है न या कोई दूसरा व्यक्ति किसी और के प्रॉपर्टी पर चिट तो नही न कर रहा है. इसकी जानकारी होना चाहिए.
किरायानामा बनाने के बाद दस्तावेज का एक एक फोटो कॉपी मकान मालिक और किराएदार रखे. क्योंकि, इसकी जरुरत पड़ने पर इसे कोर्ट में भी पेश किया जाता है.
पूछे जाने वाले संबंधित प्रश्न: FAQs
किरायानाम बनाने के लिए मकान मालिक और किरायेदार का आधार कार्ड, दो गवाह, स्टाम्प पेपर, मालिक और किरायेदार का पासपोर्ट साइज़ फोटो, किराया और सिक्योरिटी की धनराशि आदि लगता है.
किरायानाम 11 महीने के रेंट एग्रीमेंट के लिए बनता है, इसलिए घर किराए पर ले रहे हैं तो रेंट एग्रीमेंट की सभी शर्तें ध्यान से पढ़ें तभी साइन करें.
दुकान का एग्रीमेंट समान्य तौर पर 11 महीने का होता है. 11 महीने पूरा होते ही नया एग्रीमेंट बनाया जाता है. एग्रीमेंट में यह भी लिखा होता है कि अगली बार किराया में 5% बढ़ाया जाएगा.
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