पट्टे की जमीन एक ऐसा जमीन है, जिस पर किसी व्यक्ति का अधिकार नही होता है. यह एक सरकारी जमीन है जिस पर सरकार का मालिकाना हक होता है. भारत सरकार ने देश के खेतिहर मजदूरों और भूमिहीन परिवारों को खेती करने, घर बनाने और अन्य कार्यो के लिए एक समय अवधि के लिए पट्टा प्रदान किया जाता है. जिससे गरीब और असहाय परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके.
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पट्टे की जमीन का अवधि समाप्त होता है, तो लोग उस जमीन को बेचने का निर्णय बना लेते है. लेकिन उन्हें यह जानकारी नही होता है कि पट्टे की जमीन बेचने का नियम क्या है. यदि आपको यह जानकारी नही है और पट्टे की जमीन बेचते है तो आपके उपर मुकदमा दायर हो सकता है. इसलिए इस पोस्ट में पट्टे की जमीन को बेचने का नियम के बारे में जानकारी दिया गया है.
पट्टे की जमीन बेचने के नियम
- यदि जमीन का पट्टा एक निश्चित अवधि के लिए है और पट्टेदार को अवधि समाप्त होने पर जमीन खरीदने का विकल्प है, तो आप अवधि समाप्त होने से पहले जमीन नही बेच सकते हैं.
- पट्टे की जमीन बेचने से पहले, यह सुनिश्चित कर लें कि आपके पास पट्टे की जमीन बेचने का अधिकार है या नही.
- पट्टे की जमीन बेचने के लिए, आपको जमीन के मालिक से लिखित अनुमति लेनी होगी.
- यदि पट्टे की जमीन एक निश्चित समय अवधि के लिए दिया गया है. और पट्टे की जमीन की अवधि समाप्त होने पर जमीन बेचने के का विकल्प नही दिया है, तो जमीन नही बेच सकते है.
- जमीन बेचने से पहले, आपको जमीन से संबंधित सभी बकाया भुगतान, जैसे कि कर, ब्याज आदि, चुकाना होगा.
- यदि पट्टे की जमीन बेचने का विकल्प हैऔर पट्टे की अवधि समाप्त होने से पहले जमीन बेचते हैं, तो आपको जमीन मालिक को किराया देना होगा. यदि पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद जमीन बेचते हैं, तो आपको जमीन मालिक को कोई किराया नहीं देना होगा.
पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है
- सबसे पहले तहसीलदार या उप-तहसीलदार के कार्यालय में एक आवेदन दे.
- आवेदन पत्र में पट्टा दस्तावेज़ की एक फोटोकॉपी लगाए.
- इसके बाद आवेदन पत्र को अपने तहसील में तहसीलदार के पास जमा करे
- तहसीलदार आपके आवेदन पत्र की जांच करेगा..
- इसके बाद रजिस्ट्री शुल्क और अन्य लागत शुल्को का भुगतान करे.
- इसके बाद तहसीलदार पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री की एक दस्तावेज खरीदार को प्रदान करेगा.
अक्सर पूछे जाने वाले संबधित प्रश्न: FAQs
पट्टे की जमीन कई प्रकार की होती है. यदि पट्टे कि जमीन सरकारी है, तो नही बेच सकते है. क्योकि जमीन का पट्टा उन्हें दिया जाता है कि जिनके पास जमीन नहीं है. और पट्टे वाली जमीन पर केवल सरकार का ही अधिकार होता है. जिसे न तो बेच सकते है और न ही किसी के नाम पर ट्रान्सफर कर सकते है.
पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए हसीलदार को एक आवेदन देना होगा. इसके बाद पट्टे की जमीन को रजिस्ट्री करानी होगी. इसके बाद यदि पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री स्वीकार कर लिया जाएगा तो पट्टे की जमीन को आपके नाम कर दिया जाएगा.
किसी पट्टे की जमीन को 99 वर्ष की अवधि के लिए दिया जाता है, इसे जमीन के मालिक और पट्टेदार के अनुसार भी एक निश्चित समय के निर्धारित किया जा सकता है. जिसके बाद अवधि समाप्त होने पर फिर से उस जमीन पर मालिक का अधिकार हो जाएगा.
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