बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिलो में सर्वे के लिए निर्देश जारी कर दिया है. सर्वे का एक अहम मुद्दा यह है कि जमीन की रजिस्ट्री में गड़बड़ी, और जमीन के रिकॉर्ड्स का पुराना होना जैसी समस्याएं से जमीनी विवाद हो रही है. इन ही समस्याओ को सुलझाने और जमीन से जुड़ी जानकारी को खुलासा करने के लिए बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण की शुरुआत की है.
बिहार भूमि सर्वे से लोगो कई फायदे होगे, जैसे पुराने जमीन रिकॉर्ड को update करना, भूमि गलती मापन को को सही करना आदि जैसे कार्यो को किया जाएगा. लेकिन बिहार के कुछ लोग ऐसे है, जो घबरा गए है. इसलिए इस पोस्ट में बिहार भूमि सर्वे क्या है और इसके क्या फायदे है. इसके बारे में सभी जानकारी को उपलब्ध किया गया है. जिसके माध्यम से बिहर भूमि सर्वे के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है.
बिहार भूमि सर्वे की क्या है
बिहार भूमि सर्वे बिहार सरकार का एक पहल है, जिसका उदेश जमीन से जुड़े विवादों को कम करना, भूमि रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण करना और सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराना और भविष्य में होने वाली जमीन संबंधी समस्याओं पर रोक लगाना आदि है.
इस सर्वेक्षण में जमीन की मापने की प्रकिया को दोबारा की जाएगी और जमीन के मालिकों की जानकारी का जाँच किया जाएगा, और जमीन के नक्शों को अपडेट किया जाएगा. साथ ही, यह सर्वेक्षण जमीन से जुड़े जानकारी को ऑनलाइन पोर्टाल पर अपलोड किया जाएगा.
बिहार भूमि सर्वे का उदेश्य
बिहार में लम्बे इंतजार के बाद बिहार राज्य मे जमीन सर्वे का काम शुरु किया गया है, इस जमीन सर्वे का मूल उदेश्य भूमि रिकॉर्ड्स को अपडेट करना और जमीनी विवादों को समाप्त करना है, बिहार सर्वे कार्य को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केके द्वारा पुरे एक साल तक काम करने का निर्देश दिया गया है
इस सर्वे के दौरान बिहार राज्य में सर्वे करने के लिए दो चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमे एक बार में 20 जिलो के भूमि का सर्वे का कम किया जाएगा और दुसरे बार 18 जिलो में सर्वे किया जाएगा. और 45 हजार गावो में सर्वे का कम सुरु कर दिया गया है.
Bihar Land Survey के लिए क्या करना होगा
सर्वे के लिए जमीन मालिकों को अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज देने होंगे.
- भूमि के दस्तावेजों का मिलान सरकारी रिकॉर्ड से होगा. मिलान के बाद ही इन दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा.
- अगर जमा किए गए दस्तावेजों में नाम, खेसरा-खाता संख्या या किसी अन्य जानकारी का मिलान सरकारी रिकॉर्ड से नहीं होता है, तो उसे अपलोड नहीं किया जाएगा.
- यदि दस्तावेज में कोई गलती होता है तो ऐसे में संबंधित व्यक्ति को सही दस्तावेज जमा करने के लिए सूचित किया जाएगा. अगर सही दतावेज नही देते है, तो पहले से मौजूद नाम ही चढ़ा रहेगा.
- सर्वे के लिए जमीन मालिक से कई दस्तावेज मागे जाएगे. जैसे: जमीन का खतियान, रसीद, दाखिल-खारिज, बंसावली आदि.
- यदि पुश्तैनी जमीन है, तो इसके लिए खतियान और खरीदी गई जमीन है, तो इसके लिए रजिस्ट्री और सरकार से मिली हुई जमीन के लिए पर्चा दर्ज करना होगा.
Bihar Land Survey के फायदे
बिहार भूमि सर्वे के कई फायदे हैं, जिनमें बिहार के नागरिको को भूमि के संबंधित कई फायदे होगे.
- बिहार में भूमि संबंधी विवाद एक गंभीर समस्या रही है. इन विवादों का मुख्य कारण भूमि की गलत माप और स्वामित्व का अनियमितता है. लेकिन नए सर्वेक्षण के तहत सभी भूमि की सही माप और भूमि मालिको के अधिकारों का जाँच किया जाएगा. जिससे भूमि विवाद में कमी आएगी.
- बिहार के इस नए सर्वे के बाद भूमि के सभी रिकॉर्ड को ऑनलाइन डिजिटल कर दिया जएगा. जिसे इन भूमि रिकॉर्ड को प्राप्त करना और उसमें संशोधन करना बहुत आसान हो जाएगा.
- डिजिटल रिकॉर्ड होने से न केवल भूमि मालिकों को लाभ होगा, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में भी तेजी आएगी. जिससे बुमी रिकॉर्ड को ऑनलाइन निकाला जा सकता है.
- भूमि का सही और स्पष्ट रिकॉर्ड होने से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी. इससे सरकार को विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण करने में सुविधा होगी और भूमि मालिकों को उनके अधिकारों का उचित संरक्षण भी मिलेगा. इससे भूमि अधिग्रहण के मामलों में देरी और विवाद कम होंगे.
- जमीन का सही और अपडेट रिकॉर्ड होने से जमीन खरीदने-बेचने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी और जमीन लेन-देन में करने में विश्वास भी बढ़ेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
- जमीन के सही आंकड़ों से सरकार को कृषि, सिंचाई और अन्य विकास योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने में भी मदद मिलेगी और राज्य में सरकारी योजनाओ के विकास में तेजी आएगी. जिससे किसानों और अन्य लाभार्थियों को समय पर सही लाभ मिल सकेगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति में सुधार आएगा.
- यह भूमि अधिकारों की सुरक्षा, भूमि उपयोग का बेहतर नियोजन, सरकारी सेवाओं का प्रभावी वितरण, भूमि कर का सटीक संग्रह और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
भूमि सर्वे के बाद क्या करें
जमीन का सर्वेक्षण पूरा होने के बाद ऑनलाइन पोर्टल या तहसील कार्यालय जाकर अपने जमीन के नए अपडेटेड जांच करे.
यदि आपको जमीन के नए रिकॉर्ड्स में कोई गलती मिलती है, तो आप विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत उसे सुधार कराने के लिए आवेदन करे.
भूमि के नए अपडेटेड के बाद Bhumi Naksha Bihar के नक्शों को प्राप्त करे. क्योकि ये नक्शे भविष्य में जमीन से जुड़े कार्य के लिए काम आएंगे.
सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अपने भूमि रिकॉर्ड को जाँच करे. जैसे: भूमि का क्षेत्रफल, सीमाएँ, और अन्य विवरणों का
बिहार भूमि सर्वे से संबंधित प्रश्न: FAQs
बिहार में 45 हजार गांवों में जमीन सर्वे का काम चल रहा है, यह सर्वे का कम 360 दिनो यानि एक साल तक सर्वे का कार्य करने का सीमा तय किया गया है. इसमें जमीन मालिकों को अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, जो सरकारी रिकॉर्ड मिलते हो.
बिहार में पहला जमीन सर्वे 1890 में शुरू हुआ था और दूसरी बार 1990 में किया गया है. फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे तीसरी बार 2024 में शुरू किया है.
बिहार भूमि सर्वेक्षण से जमीनी विवाद कम होंगे, जमीन के रिकॉर्ड्स डिजिटल हो जाएंगे और भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता से जमीन के लेन-देन करना आसान हो जाएगा.
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