भारत में बाप दादा का प्रॉपर्टी का बंटवारा एक बहुत जटिल प्रक्रिया है. क्योंकि, किसी परिवार में एक शख़्स के तीन बच्चे हैं, तो उसके बाप दादा का प्रॉपर्टी में किसका कितना अधिकार होगा. इसे सरलता से समझना मुश्किल है. इसलिए, इसे नियमों और अधिकारों के संबंध के क़ानूनी नियम के मदद से समझना होगा.
वर्तमान समय में बाप दादा का प्रॉपर्टी को लेकर एक दूसरे इतने ज्यादा विवाद हो रहा हैं की अपने-अपने हिस्से के लिए लोग हाथापाई कर ले रहे है. इस समस्या से निपटने के लिए सरकार विभिन्न प्रकार की कानूनों को पारित की है. इसे सावधानीपूर्वक समझने के लिए इस आर्टिकल में उदाहरण सहित स्टेप by स्टेप बताया गया है जिसको फॉलो कर बाप दादा का प्रॉपर्टी में आधिकार प्राप्त करने हेतु जानकारी प्राप्त कर सकते है.
बाप दादा के प्रॉपर्टी में किसका कितना अधिकार है?
बाप दादा की प्रॉपर्टी में उनके सभी बच्चों का समान अधिकार होता है. यदि किसी व्यक्ति के दो बच्चे है, तो उस व्यक्ति के प्रॉपर्टी में दोनों बच्चे का सामान हिस्सा होगा.
यदि बाप या दादा के दो संतान पुत्र और पुत्री हो, तो भी संपत्ति का हिस्सा दोनों में समान रूप से प्रदान किया जाएगा. क्योंकि, सरकार के नजर में लड़का और लड़की में कोई भेदभाव नही है.
पैतृक सम्पति क्या है?
किसी भी व्यक्ति के अपने पिता, दादा या परदादा से उतराधिकार में प्राप्त सम्पति को पैतृक सम्पति कहलाता है. बच्चा जन्म के साथ ही अपने पिता के पैतृक सम्पति का अधिकारी हो जाता है.
सम्पति दो तरह के होती है. जो खुद से अर्जित की गई हो और दूसरी जो विरासत में मिली हो. अपनी कमाई से खरीदी गई सम्पति स्वर्जित सम्पति कहलाती है, जबकि विरासत में मिली हुई प्रॉपर्टी पैतृक सम्पति कहलाती है.
Note: यदि दादा अपने खुद के कमाई के पैसे से कोई जमीन या प्रॉपर्टी ख़रीदे है और वे बिना वसीयत बनाए ही चल बसे यानि उनकी मृत्यु हो गई हो, तो इस कंडीशन में उनके सबसे नजदीकी व्यक्ति पत्नी, पुत्र और पुत्री को वह प्रॉपर्टी दी जाएगी.
बाप दादा के कमाई गई प्रॉपर्टी में किसका कितना अधिकार होगा?
सामान्यतः बाप-दादा की खुद की कमाई से खरीदी गई प्रॉपर्टी पर किसी भी व्यक्ति का कोई अधिकार नहीं होता है. अर्थात अगर आपके दादा ने अपने पैसों से कोई जमीन या कोई प्रॉपर्टी बनाई है, तो उस सम्पति पर सिर्फ आपके दादा का अधिकार होगा.
वे जिसे चाहे उस व्यक्ति को अपने प्रॉपर्टी दे सकते हैं. इसमें कोई भी व्यक्ति हस्तक्षेप नही कर सकता है. यदि कोई करता है, तो वह क़ानूनी अपराध होगा.
बाप दादा की पैतृक संपत्ति में किसका कितना अधिकार है?
अगर आपके दादा को उनके परदादा द्वारा कोई जमीन या संपत्ति दी गई है या आपके पापा को आपके दादा द्वारा कोई जमीन दी गई है, तो उस प्रॉपर्टी को पैतृक संपत्ति के नाम से जानते है. यानी विरासत में मिली हुई जमीन या पैतृक संपत्ति होती है. पैतृक संपत्ति पर परिवार के सभी व्यक्ति का समान अधिकार होता है.
अगर किसी व्यक्ति के दो या दो से अधिक बच्चे हैं, तो पैतृक संपत्ति को उन बच्चों में समान हिस्सा कर के बांट दी जाएगी. अगर किसी व्यक्ति के एक ही अकेला बच्चा है, तो उसको किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी. वह पूरी संपत्ति उस बच्चे को दे दी जाएगी. इस प्रकार से बाप दादा की पैतृक संपत्ति में सभी बच्चों का समान अधिकार होता है.
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पूछे जाने वाले प्रश्न
पैतृक संपत्ति बेचने से पहले सभी हिस्सेदार व्यक्ति से सहमती लेना अनिवार्य है. यदि कोई भी व्यक्ति संपत्ति बेचने के पक्ष नही है, तो उस पैतृक संपत्ति को बेचा नही जा सकता है. क्योंकि, यह नियम के विरुद्ध है और इस मामले में सजा भी हो सकती है.
दादा की संपत्ति में परिवार के प्रत्येक व्यक्ति का समान अधिकार यानि हक होता है. जब भी प्रॉपर्टी का बटवारा होगा, उस समय सभी को समान हक प्रदान किया जाएगा.
हाँ, जन्म के साथ ही पोती का अधिकार दादा की संपत्ति हो जाता है.
पिता स्वतंत्र रूप से एक पुत्र को पुश्तैनी संपत्ति नहीं दे सकते है. क्योंकि, पैतृक संपत्ति परिवार के सभी सदस्यों का समान अधिकार होता है. कुछ स्थितियों जैसे संकट या पवित्र स्थानों को उपहार के रूप में दी जा सकती है.
नही, क्योंकि घर के प्रत्येक व्यक्ति का संपत्ति पर अधिकार होता है. अतः प्रॉपर्टी बेचने के लिए परिवार के सभी व्यक्ति का सहमती के साथ उचित डाक्यूमेंट्स पर उनका हस्ताक्षर जरुरी है, उसके बाद प्रॉपर्टी को बेच सकते है.