पावर ऑफ अटॉर्नी एक क़ानूनी दस्तावेज है जिससे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपनी प्रॉपर्टी को मैनेज करने का अधिकार प्रदान करता है. पॉवर ऑफ अटॉर्नी प्रॉपर्टी किसी दुसरे व्यक्ति को बेचने का भी अधिकार देता है. जिससे वह व्यक्ति आपके जगह अदालत में जाने, खरीदारों से बातचीत आदि जैसे विशेष कार्य को कर सकते है.
लेकिन पॉवर ऑफ अटॉर्नी राजस्व विभाग के कार्यालय द्वारा बनाया जाता है, इसके लिए कुछ पैसा लगते है. लेकिन कुछ लोगो को यह जानकारी नही है कि पॉवर ऑफ अटॉर्नी में कितना पैसा लगता है. इसलिए इस [पोस्ट में पॉवर ऑफ अटॉर्नी में कितना पैसा लगता है की पूरी जानकरी उपलब्ध किया गया है, जो इसे बनवाने में आपका मदद करेगा.
पावर ऑफ अटॉर्नी क्या होती है
पावर ऑफ अटॉर्नी एक ऐसा दस्तावेज है जो एक व्यक्ति को प्रॉपर्टी का अधिकार प्रदान करता है, जिससे वह व्यक्ति किसी प्रॉपर्टी को बेच या उससे सम्बंधित बात कर सकता है. तथा आपके प्रॉपर्टी के मुकदमा में आपके जगह अदालत में जाकर चुनौती दे सकता है.
लेकिन इसका उपयोग तभी कर सकते है जब वह व्यक्ति बहुत ज्यादा बीमार हो या बुढा अवस्था से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा हो, या फिर लंबे समय से देश से बाहर हो. उस समय पॉवर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग कर सकते है. और इसका उपयोग वही व्यक्ति कर सकता है, जिस व्यक्ति के नाम पॉवर ऑफ अटॉर्नी पंजीकरण किया जाता है.
पॉवर ऑफ अटॉर्नी में कितना पैसा लगता है
पॉवर ऑफ अटॉर्नी में पैसा दो प्रकार से लगता है, जो इस प्रकार है:
दस्तावेज़ तैयार करने का शुल्क:
यदि दस्तावेज तैयार करने के लिए जो शुल्क लगता है. वह वकील या अन्य कानूनी प्रकिया के लिए जाता है. इस शुल्क की राशि दस्तावेज़ की जटिलता और वकील या अन्य कानूनी प्रकिया की फीस पर निर्भर करती है. लेकिन यह शुल्क आमतौर पर 1,000 से 5,000 रुपये के बीच होता है.
पंजीकरण शुल्क
पॉवर ऑफ अटॉर्नी बनाने के लिए पंजीकरण शुल्क सरकार द्वारा लिया जाता है. यह शुल्क अचल संपत्ति के बाजार मूल्य पर आधारित होता है. उदाहरण के लिए, यदि अचल संपत्ति का बाजार मूल्य 5 लाख रुपये है, तो पंजीकरण शुल्क 1% यानी 5,000 रुपये होगा. और यह शुल्क अलग अलग राज्यों में अलग अलग होता है.
पॉवर ऑफ अटॉर्नी में लगने वाला शुल्क
- यदि पॉवर ऑफ अटॉर्नी किसी जरुरी कार्य को करने का अधिकार देता है, तो इसका शुल्क 1,000 से 2,000 रुपये के बीच हो सकता है.
- यदि पॉवर ऑफ अटॉर्नी एक से अधिक कार्यों को करने का अधिकार देता है, तो इसका शुल्क 2,000 से 5,000 रुपये के बीच हो सकता है.
- यदि एक अचल संपत्ति को बेचने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी करते हैं, तो इसका शुल्क 10,000 से 15,000 रुपये के बीच हो सकता है.
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी के लिए रजिस्ट्री करानी होती है, तो ठीक रजिस्ट्री की तरह ही स्टांप ड्यूटी देना होगा.
- अगर पावर ऑफ़ अटॉर्नी में संपत्ति बेचने का अधिकार नहीं दिया गया है, तो पहले की तरह ही 100 रुपये ही स्टांप शुल्क देना होगा.
पावर ऑफ अटॉर्नी की अवधि कितनी होती है
भारतीय कानून के अनुसार पावर ऑफ अटॉर्नी की समय सीमा निर्धारति नही होती है. इस दस्तावेज को कितना भी समय के लिए बनाया जा सकता है. लेकिन पावर ऑफ अटॉर्नी को एक निश्चित समय अवधि के लिए बनाया जा सकता है. जैसे एक वर्ष, दो वर्ष या पांच वर्ष यानि जब तक वह कार्य पूरा न हो जाए.
पावर ऑफ अटॉर्नी बनाते समय अवधि दर्ज कर सकते है. यदि पावर ऑफ अटॉर्नी को बनाते समय आपने कोई समय सीमा नही दर्ज किया है. तो उसका अवधि तब तक रहता है जब तक प्रिंसिपल जीवित रहते है. या जब तक वह व्यक्ति इस दस्तावेज को आपके नाम जारी किया वह रद्द न कर दे.
भारत में, पावर ऑफ अटॉर्नी की अवधि के लिए कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है. यदि अनुदाता को लगता है कि एजेंट को लंबी समय के लिए अधिकार देने की आवश्यकता है, तो वह एक अनिश्चित अवधि के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी कर सकता है.
पावर ऑफ अटॉर्नी कितने प्रकार की होती है
पावर ऑफ अटॉर्नी मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है, जिसमे अलग अलग अधिकार प्राप्त होता है.
- विशेष पावर ऑफ अटॉर्नी (Special Power of Attorney)
- साधारण पावर ऑफ अटॉर्नी (General Power of Attorney)
विशेष पावर ऑफ अटॉर्नी
स्पेशल पॉवर ऑफ अटॉर्नी में गारंटर अपने एजेंट को सभी अधिकार नही देता है. स्पेशल पॉवर ऑफ में जो जरुरी कार्य होता है उसे ही अदिकृत करने का अधिकार देता है. जैसे: प्रॉपर्टी को बेचने के लिए या मुकदमेबाजी के द्वारा अदालत में जाने आदि के लिए अधिकार. वह कार्य होने के बाद स्पेशल पॉवर ऑफ अटॉर्नी एक्सपायर हो जाता है.
साधारण पावर ऑफ अटॉर्नी
साधारण पॉवर ऑफ अटॉर्नी में जिस व्यक्ति को एजेंट बनया जाता है. उसके पास बहुत ज्यादा अधिकार होता है. जिससे वह व्यक्ति सभी प्रकार के कार्यों को कर सकता है. जैसे: प्रॉपर्टी खरीद या बेच सकता है, बैंक से पैसा निकाल सकता है, टैक्स भर सकता है, इन्वेस्टमेंट कर सकता है, अदालत में चल रहे मुकदमेबाजी में जाने आदि का अधिकार होता है.
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अक्सर पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न: FAQs
पावर ऑफ अटॉर्नी में 1% का खर्च आता है. और यह प्रॉपर्टी के आधार पर निर्भर करता है. यदि आपके प्रॉपर्टी का मूल्य 10 लाख रुपये है, तो पंजीकरण शुल्क 1% यानी 10,000 रुपये होगा.
पावर ऑफ अटॉर्नी की वैधता जीवन भर के लिए होता है. यदि उस संपत्ति का मालिक पावर ऑफ अटॉर्नी को रद्द न कर दे तक तक रहता है. पावर ऑफ अटॉर्नी की वैधता एक निश्चित समय अवधि के लिए बना सकते है.
प्रॉपर्टी के मालिक के मृतु के बाद पॉवर ऑफ अटॉर्नी अक्षम हो जाता है तो पॉवर ऑफ अटॉर्नी की शक्ति समाप्त हो जाती है, लेकिन प्रिंसिपल किसी भी समय अटॉर्नी की शक्ति को रद्द कर सकता है.