पिता के मृत्यु होने के बाद उनके प्रॉपर्टी को बेटा या बेटी अपने नाम पर कैसे कराये को लेकर घरों में आपसी झगड़े होने की संभावना अक्शर देखने को मिलता है. ऐसी स्थिति में क़ानूनी प्रक्रिया का पालन कर सकते है. हालांकि सरकार भी पिता के मृत्यु के बाद जमीन अपने नाम कराने की क़ानूनी प्रक्रिया बनाई है.
कनूरी तौर पर पिता के जमीन अपने नाम पर कई प्रकार से कर सकते है. इसकी जानकारी निचे स्टेप by स्टेप दर्शाया गया है. सरकार ऐसे स्थिति में जमीन का बटवारा विभिन्न प्रकार के करने के लिए प्रात्साहित करती है, जिसकी सम्पूर्ण प्रक्रिया निचे उपलब्ध है.
पिता के जमीन को अपने नाम कैसे करें
पिता की जमीन को अपने नाम करना के लिए सबसे वसीयत को देखे. क्योंकि, वसीयत बनाते समय उसमे साफ-साफ लिखा जाता है कि जमीन या संपत्ति किसके नाम पर होनी चाहिए.
Note: अगर अपने पिता के एकलौता बेटा है, तो आपको ज्यादे चिंता करने की जरूरत नही है. क्योकि अगर कोई व्यक्ति अपने पिता के एकलौते बेटे है तो उसके पिता के प्रॉपर्टी आटोमेटिक बेटे नाम पर हो जाती है.
पिता की जमीन अपने नाम पर करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
पिता के निधन के बाद उनके प्रॉपर्टी को अपने नाम करने के लिए बेटे के पास निम्नलिखित महत्वपूर्ण दस्तावेज होने चाहिए.
- वसीयत / वसीयतनामा
- उत्तराधिकार प्रमाणपत्र
- उत्तराधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र
- पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र
- त्याग पत्र
- पिता के मृत्यु के बाद से पुत्र को संपत्ति कैसे हस्तांतरित करें
- उपहार विलेख
- वंश सूची प्रमाण पत्र
पिता के जमीन को अपने नाम पर कराने की प्रक्रिया
पिता के मृत्यु के बाद उनके प्रॉपर्टी को अपने नाम पर करने के लिए कुछ प्रक्रियाए होती है, जिसे निचे सूचीबद्ध किया गया है. इस प्रक्रिया को follow कर अपने पिता के प्रॉपर्टी को अपने नाम पर करा सकते है.
- अपने पिता की जमीन अपने नाम करने के लिए आपको सबसे जमीन पर अपना अधिकार दिखाने के लिए कोई एक सबूत देना प्रस्तुत करे.
- इसके बाद एक वंशावली बनाए. वंशावली संपत्ति के बटवारे में मदद करती है.
- वंशावली के आधार पर पिता की पैतृक संपत्ति परिवार के प्रत्येक सदस्य के बिच समान रूप से विभाजित की जाएगी.
- प्रॉपर्टी के बटवारा होने के बाद ऑनलाइन दाखिल खारिज कराए. दाखिल ख़ारिज वेरीफिकेशन के लिए बुलाया जाएगा.
- जब भी वेरीफाई के लिए बुलाया उस समय सभी भाइयो को एक साथ जाना अनिवार्य है.
- इस प्रक्रिया को फॉलो कर अपने पिता के जमीन को अपने नाम करा सकते है.
वसीयत के द्वारा पिता की मौत के बाद जमीन अपने नाम कैसे करें?
यदि पिता द्वारा अपने संपत्ति का कोई वसीयत बनाया गया है, उस स्थिति में अपने वसीयत को सम्बंधित कार्यालय ले जाए. कार्यालय द्वारा वसीयत की जाँच की जाएगी. पिता द्वारा बनाए गए वसीयत की जाँच होने पर उसमे नाम बदलने की अनुरोध कर सकते है. इस तहत पिता के जमीन को अपने नाम करा सकते है.
Note: यदि पिता के दो पुत्र हो, तो इस वसीयत पर सरकार द्वारा रोक लगाया जा सकता है. क्योंकि, उस स्थिति में भाइयों के बिच समान अधिकार प्रदान किया जाएगा.
शरांश: पिता की जमीन अपने नाम कराने के लिए अपने पिता की जमीन पर अपना अधिकार दिखाने हेतु सबूत देना होगा. जब आपके पास अपने पिता की जमीन पर अधिकार के लिए सबूत मिल जाए तो वंशावली का एक दस्तावेज बनाए. शावली बनवाने के बाद अपनी जमीन का बटवारा आपसी सहमती या क़ानूनी प्रक्रिया द्वारा कराना होगा. यदि आप बंटवारा से संतुष्ट है, तो रजिस्ट्रार से उसका रजिस्ट्रेशन कराए.
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पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQs
Q. पिता की जमीन पर किसका अधिकार होता है?
पिता के जमीन में बेटा और बेटी दोनों का बराबर-बराबर अधिकार प्राप्त है. पहले पिता के प्रॉपर्टी में बेटी का अधिकार नही प्राप्त था लेकिन अब बेटा और बेटी दोनों का अपने पिता के प्रॉपर्टी में बराबर बराबर अधिकार प्राप्त है.
Q. पिता मृत्यु के बाद जमीन अपने नाम कैसे करें?
पिता के मृत्यु के बाद उनके प्रॉपर्टी को अपने नाम करने के लिए बेटे के पास कुछ दस्तावेज या साबुत की आवश्यकता पडती है, उस दस्तावेज को वेरीफाई करने के पिता के जमीन उसके बेटे के नाम पर की जाती है.
Q. मृत्यु के बाद संपत्ति का नाम पिता से पुत्र में कैसे बदलें?
पिता के मृत्यु के बाद संपत्ति का नाम पुत्र के नाम करने के लिए तहसीलदार के ऑफिस में जाए और उत्तराधिकारी होने का ठोस प्रमाण प्रदान करे. इसके बाद अधिकारी द्वारा कानूनी वारिस प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. इस प्रकार संपत्ति का अधिकार पुत्र के पास हो जाएगा.
Q. पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति का मालिक कौन है?
भारतीय कानून के अनुसार पिता के मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति का मालिक उसके वंसज होते है. वंशजों में बेटे, अविवाहित बेटियां, माता-पिता और पति-पत्नी शामिल हैं.
Q. बिना वसीयत के माता पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति का हस्तांतरण कैसे करें?
बिना वसीयत के माता पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति का हस्तांतरण करने के लिए सिविल कोर्ट में एक आवेदन दर्ज कर इसकी पुष्ठी करे. इसके बाद आपको संपत्ति का हस्तांतरण कर दिया जाएगा.