किसी जमीन या प्लाट को एक व्यक्ति के नाम से दूसरे व्यक्ति के नाम करने के लिए नामांतरण करवाना पड़ता है. चाहे जमीन की खरीद बिक्री हो, या वसीयत के आधार पर हो या फौती नामांतरण हो, सभी प्रकार के जमीन का नामांतरण करना पड़ता है. नामांतरण करने के लिए राजस्व विभाग ने ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराया दिया है, जिससे अब आप घर बैठे ऑनलाइन भी अपने मोबाइल या कंप्यूटर के द्वारा नामांतरण के लिए आवेदन कर सकते है.
लेकिन ऑनलाइन नामांतरण करने की प्रकिया के बारे में सही लोगो को जानकारी नही होती है, इसलिए नामांतरण की प्रक्रिया के बारे में सभी आवश्यक जानकारी और साथ ही लगने सभी डॉक्यूमेंट की जानकारी को भी उपलब्ध किया गया है, जिससे लोगो को प्लाट का नामान्तरण करने में आसानी होगी.
नामांतरण क्या होता है
नामांतरण जमीन का एक क़ानूनी नियम है, जिसके अनुसार किसी संपत्ति के मालिकाना हक को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर किया जाता है. यानि जब कोई आप कोई जमीन या मकान खरीदते हैं, तो उस जमीन के मालिकाना हक आपके नाम पर करवाने की प्रक्रिया को ही नामांतरण कहते हैं.
इस प्रक्रिया को नामांतरण दर्ज करना, दाखिल खारिज करना या Mutation दर्ज करना भी कहा जाता है. क्योंकि, एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति के नाम जमीन का मालिकाना हक ट्रान्सफर करने के लिए नामांतरण किया जाता है.
नामांतरण करने के लिए लगने वाले डॉक्यूमेंट
- मूल खतौनी
- बिक्री समझौता
- प्लॉट का नक्शा
- पिछले नामांतरण के दस्तावेज (यदि कोई हो)
- भूमि मालिक का आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- मतदाता पहचान पत्र
- आवश्यक स्टांप पेपर खरीदना होता है.
- शपथ पत्र
- सहमति पत्र
प्लाट का नामांतरण के लिए आवेदन कैसे करे
- किसी भी जमीन या प्लाट का नामान्तरण करने के लिए सबसे पहले आपको अपने राज्य के भूमि सुधार विभाग के आधिकारिक https://apnakhata.rajasthan.gov.in/ पर जाए. यहाँ पर राजस्थान के अधिकारी के वेबसाइट के माध्यम से जानकारी को दिया गया है.
- इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज ओपन होगा, जिसमे आपको सबसे उपर “नामांतरण के लिये आवेदन करें” पर क्लिक करे
- इसके बाद एक पेज खुलेगा उसमें आपको आवेदक का नाम, आवेदक के पिता का नाम, मोबाइल नंबर, ई मेल, आवेदक का पता, जिला, तहसील, गांव, नामांतरण के लिए किस प्रकार का आवेदन करना चाहते हैं, उसे सेलेक्ट करे.
- इसके बाद नीचे स्थित “आगे चलें” वाले बटन पर क्लिक करें.
- अब अगले पेज में आपको खाता संबंधी जानकारी पूछी जाएगी, जिसमें आपको हां या नहीं को टिक करे.
- इसके बाद आप से खसरा से संबंधित जानकारी पूछी जाएगी.
- अब आप खाता संख्या या खसरा संख्या में से किसी एक की जानकारी भरे.
- इसके बाद आपके सामने खाता या खसरा से संबंधित जानकारी आ जाएगी आपको उसमें से अपने खाते या खसरे पर टिक करे और नीचे स्थित आगे चलें वाले बटन पर क्लिक करे.
ध्यान दे: यदि आपके पास खाता संख्या या खसरा संख्या की जानकारी नहीं है तो आप नामांतरण के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं.
- इसके बाद आपका फॉर्म सबमिट हो जाएगा और आपके नजदीकी पटवारी के पास चला जाएगा. जिसकी नामान्तरण हो जाएगा.
वसीयत के आधार पर नामांतरण कैसे होता है
यदि आपको जमीन वसीयत के आधार पर मिली है, तो इसके
- सबसे पहले वसीयत की जाँच कार्यालय द्वारा किया जाता है. वसीयत सही होने पर उसे पंजीकृत किया जाता है.
- नामांतरण के लिए सभी आवश्यक डाक्यूमेंट्स जैसे मूल वसीयत और उसकी पंजीकृत प्रति, मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, संपत्ति से संबंधित दस्तावेज आदि इकत्र करे.
- वसीयत के आधार पर नामांतरण हेतु आवेदन के लिए तहसील कार्यालय में जाएं.
- आवश्यक डाक्यूमेंट्स वहां से प्राप्त कर वसीयत और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ लगाए.
- कार्यालय में लगने वाले सभी शुल्क का भुगतान करे. तथा आवेदन जमा कर उसका रसीद प्राप्त करे.
- कार्यालय द्वारा आपकी दस्तावेजों की जांच की जाएगी और यदि सब कुछ ठीक पाया जाता है, तो संपत्ति का मूल्यांकन होगा. इस स्थिति में आपको स्टाम्प शुल्क और अन्य शुल्क का भुगतान करना होगा.
- इसके बाद वसीयत के आधार पर नामांतरण कर दिया जाएगा, और आपको संपत्ति का मालिकाना हक आपके नाम पर कर दिया जाता है, और आपको नामांतरण पेपर दे दिया जाएगा.
FAQs
मध्य प्रदेश में नामांतरण प्रक्रिया पूरा होने में लगभग 10 से 15 दिन लगते है. यदि आपके द्वारा दिए गए सभी दस्तावेज सही है, तो इस समय से पहले भी नामांतरण हो जाता है.
वसीयत की वैधता की कोई समय सीमा नही होती है. वसीयत को जब तक कि इसे रद्द या संशोधित न किया जाए. यदि वसीयत गलत तरीका से, मज़बूरी में, दबाव में, मानसिक स्थिति सही नही होए पर भी वसीयत अमान्य हो सकता है.
नामान्तरण के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है. जैस : मूल खतौनी, बिक्री समझौता,प्लॉट का नक्शा, पिछले नामांतरण के दस्तावेज (यदि कोई हो), भूमि मालिक का आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आवश्यक स्टांप पेपर खरीदना होता है.,शपथ पत्र, सहमति पत्र आदि.
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