भारतीय कानून के अनुसार बड़े भाई के संपति में छोटे भाई का अधिकार होता है या नही, इसके बारे में पूरी जानकारी इस पोस्ट में विस्तार से जानेगे. क्योकि आज के समय में सम्पति को लेकर भाई-भाई में कई प्रकार के विवाद उत्पन होते है, जिसमे ज्यादातर लोग घिरे रह जाते है. उचित जानकारी न होने के कारण संपति को लेकर कई बार यह विवाद बहुत बड़ा रूप ले लेता है, जिसके वजह से उनलोगों को बहुत बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ता है.
इसलिए सम्पत्ति को लेकर कई तरह कानून बनाएं गए है, जिससे विवाद न हो.लेकिन इसके बारे में ज्यादातर लोगो को जानकारी नही है कि बड़े भाई के संपति में छोटे भाई का अधिकार होता है या नही. आपके जानकारी के लिए हमने इस पोस्ट में बड़े भाई की संपत्ति में छोटे का अधिकार से सम्बंधित सभी जानकारी उपलब्ध किया है, आइए इसे विस्तार से समझते है.
बड़े भाई की संपत्ति में छोटे का अधिकार
बड़े भाई के संपत्ति पर निर्भर करता है कि वह कौसा संपति है. यदि उसका संपत्ति पैतृक संपत्ति है तो छोटे भाई का अधिकार होगा. यदि बड़े भाई की स्वंम अर्जित की गयी संपत्ति है, तो उसमे छोटे भाई का कोई अधिकार नही है. क्योकि बड़े भाई की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति उसके पत्नी या उसके बेटे का होगा.
यदि पिता की संपत्ति है तो उसमे बड़े और छोटे भाई का बारब अधिकार है. लेकिन केवल बड़े भाई का अर्जित किया गया संपत्ति है तो उसमे छोटे भाई का कोई अधिकार नही होगा. इसलिए आपके मन में सम्पति को लेकर किसी तरह के प्रश्न हैं तो अपने क्षेत्र के वकील की सलाह ले सकते है.
बड़े भाई की संपत्ति के प्रकार
बड़े भाई की संपत्ति दो प्रकार होते हैं:
- पैतृक संपत्ति
- स्वअर्जित संपत्ति
पैतृक संपत्ति
पैतृक संपत्ति वह संपत्ति है जो बड़े भाई के पिता या माता-पिता की है. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के अनुसार, पैतृक संपत्ति में सभी का समान अधिकार होता है. इसमें बड़े भाई के अलावा उसकी बहनें, छोटा भाई चाचा शामिल हो सकते हैं. एसे सम्पति में बराबर बराबर भागो में बटा जाता है.
स्वअर्जित संपत्ति
स्वअर्जित संपत्ति वह संपत्ति है जो बड़े भाई ने अपनी मेहनत और कमाई से बनाया है. इस संपत्ति में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार, सिर्फ बड़े भाई का ही पूर्ण अधिकार होता है. यदि वह अपनी मर्जी से अपने संपत्ति में किसी को अधिकार दे सकता है, चाहे वह उसका छोटा भाई ही क्यों न हो. इसके पश्चात छोटे भाई अधिकार प्राप्त कर सकता है.
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत छोटे भाई का अधिकार
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के अनुसार, बड़े भाई की संपत्ति में छोटे भाई का अधिकार संपत्ति के आधार पर निर्भर करता है. यदि पैतृक संपत्ति है तो उस संपत्ति में छोटे भाई का अधिकार होगा. यदि बड़े भाई ने अपनी मेहनत और कमाई से संपत्ति स्वअर्जित किया है. तो उस सम्पति में सिर्फ बड़े भाई का ही अधिकार है.
यदि बड़े भाई का संपत्ति है और वसीयत के माध्यम से, बड़े भाई ने अपनी संपत्ति को किसी भी व्यक्ति को दे सकता है. चाहे वह छोटे भाई या बहन हो सकती है.
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQs
यदि भाई का पैतृक संपत्ति है तो उस संपत्ति में छोटे भाई बहना का अधिकार है. लेकिन भाई संपत्ति भाई ने अपनी मेहनत और कमाई से संपत्ति स्वअर्जित किया है. तो उस सम्पति सिर्फ उसका अधिकार है.
नही एक भाई दूसरे भाई से संपत्ति का दावा नही कर सकता है. पिता की संपति में ही एक भाई, दूसरे भाई से संपत्ति का दावा कर सकता है.
बड़े भाई की संपत्ति में छोटे का कोई अधिकार नहीं होता है. बड़े भाई के संपत्ति पर बड़े भाई का ही पूर्ण अधिकार होता है.
बड़े भाई की पत्नी को केवल उस संपत्ति में हिस्सा मिलेगा जो बड़े भाई के द्वारा अर्जित की गई है. पैतृक संपत्ति में पत्नी का कोई अधिकार नहीं होता है.
यदि बड़े भाई की कोई संतान नहीं है, तो संपत्ति उसे छोटे भाई या उसके बहन का अधिकार होगा.